कोलकाता: पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के समय 1005 शिक्षकों की भर्ती में हुई बड़े पैमाने पर धांधली मामले में हाई कोर्ट के आदेश अनुसार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने चटर्जी से बुधवार को करीब 3:30 घंटे तक पूछताछ की है। शाम 5:45 बजे के करीब पार्थ चटर्जी निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के दफ्तर पहुंचे थे। उनसे देर रात 9:30 बजे तक पूछताछ हुई है।
जानकारी के अनुसार उनसे पूछा गया है कि शिक्षा मंत्री रहते हुए उनके समय 1005 शिक्षकों की गैर कानूनी तरीके से नियुक्ति कैसे हुई। आखिर वह इस पूरी नियुक्ति में धांधली के बारे में नहीं जान सके तो उनके शिक्षा मंत्री के तौर पर बड़ी लापरवाही है और विफलता है। तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने जांच अधिकारियों को बताया है कि शिक्षा मंत्री होने के नाते उनका नियुक्ति प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं था। पूरी प्रक्रिया विभाग के अधिकारियों के अधीन थी और किसकी नियुक्ति की गई और किसे पात्रता होने के बावजूद शिक्षक बनने से वंचित किया गया, इस बारे में उनका कोई लेना-देना नहीं है। रात 9:30 बजे तक सीबीआई के अधिकारी उनसे पूछताछ करते रहे, जिसके बाद उन्हें सीबीआई दफ्तर से बाहर जाने की इजाजत दी गई।
उल्लेखनीय है कि ग्रुप सी में 381 लोगों की गैर कानूनी नियुक्ति हुई है। इनमें से 222 लोगों को बिना परीक्षा शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया, जबकि 159 लोगों को फेल होने के बावजूद शिक्षक बनाया गया है। आरोप है कि बिना शिक्षा मंत्री की सहमति के इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार नहीं हो सकता, इसलिए सीबीआई ने उनसे पूछताछ की है।