नई दिल्लीः कांग्रेस के चिंतन शिविर का आज अंतिम दिन है। चिंतन शिविर के दूसरे दिन कांग्रेस ने बीजेपी के हिंदुत्व की काट के लिए आरक्षण पर बड़ा दांव चलने जा रही है, जिसके लिए मास्टर प्लान भी तैयार कर लिया है बस सीडब्ल्यूसी की मुहर लगनी बाकी है। कांग्रेस पार्टी संगठन में SC / ST और ओबीसी के लिए 50 फीसदी आरक्षण देने की योजना पर विचार किया है। यानी सगठन में इन सभी वर्गों का हर स्तर पर 50 फीसदी कोटा होगा। वहीं कांग्रेस केंद्र में अपनी सरकार के दौरान महिला आरक्षण के अंदर कोटा के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन अब कांग्रेस जाति आधारित जनगणना की मांग के साथ साथ महिला आरक्षण के मुद्दे पर भी एक बड़ा बदलाव करते हुए कोटे के अंदर जातिगत कोटा की मांग करेगा। सीडब्ल्यूसी की मुहर के बाद चिंतन शिविर में इसका आधिकारिक एलान किया जाएगा।
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2024 चुनाव में हो सकता है बड़ा फायदा
माना जा रहा है कि यह कांग्रेस का एक बड़ा सियासी दाव होगा और 2024 लोकसभा चुनाव व आगामी विधानसभा चुनाव में इससे बड़ा फायदा होगा और भाजपा के अब तक के सभी मुद्दों को इससे टक्कर दे सकती है। कांग्रेस वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि, महिलाओं को आरक्षण देने का वादा पूरान था, लेकिन उसमें समस्याएं थी जिसकी वजह से हम पूरा नहीं कर पा रहे थे। अब हमने उसका आसान कर और कई अन्य पहलुओं को जोड़ा है।
इसके अलावा कांग्रेस नेत्री शैलजा कुमारी ने कहा कि अब इसका समय आ गया है। कल होने वाली सीडब्ल्यूसी की मुहर के बाद उदयपुर चिंतन शिविर में इसका आधिकारिक एलान किया जाएगा। पार्टी नेता के राजू ने मीडिया को बताया कि, पार्टी में कमजोर वर्गों के लिए हर छह महीने में एक बार संगठन की तरफ से कार्यसमिति का विशेष सत्र बुलाए जानें पर भी फैसला हुआ है और सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिए संगठनात्मक सुधार पेश किए जाएंगे। इसके साथ ही प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण, संसद और विधानसभाओं में ओबीसी आरक्षण और महिला आरक्षण में जाति आधारित कोटा की मांग करेगी। पार्टी का मानना है कि 2024 के आम चुनावों को पार्टी का यह बड़ा कदम होगा।
एससी/एसटी और ओबीसी को मिलेगा आरक्षण का लाभ
राजू के मुताबिक, राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना की जाए और एससी, एसटी और ओबीसी को निजी क्षेत्र में भी आरक्षण का लाभ मिल सके। साथ ही महिला आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए अलग प्रावधान हो। इसके अलावा पार्टी में सामाजिक न्याय सलाहकार परिषद का गठन करने का फैसला हुआ है। कहा जा रहा है कि ये कमेटी कांग्रेस अध्यक्ष के सामने सामाजिक मुद्दे उठाएगी और उन्हें इस बारे में सलाह देगी। इसके अलावा सामाजिक तौर पर कमजोर वर्ग के लिए 6 महीने में एक बार कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होगी।
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