नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि अगर ब्लैकलिस्ट किए तबलीगी जमात के विदेशी नागरिक भविष्य में वीजा के लिए आवेदन करते हैं, तो उनके आवेदन पर कानून के मुताबिक फैसला करें। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर किसी विदेशी नागरिक को बरी कर दिया गया है तो उसे वापस यात्रा करने में कोई कठिनाई नहीं होगी। अगर कोई दिक्कत आती है तो उनका दफ्तर खुद ऐसे लोगों की मदद करेगा। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि वे तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों के खिलाफ दायर मामलों की जल्द सुनवाई पूरी करें।
यह भी पढ़ेंः-गांव के बीच बना था शराब ठेका, एक्साइज अधिकारी पर गिरी…
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील फुजैल अहमद अय्युबी ने याचिका में कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का ब्लैक लिस्ट करने का फैसला एकतरफा और मनमाना है। गृह मंत्रालय ने 2 अप्रैल, 2020 को 960 विदेशी नागरिकों को ब्लैक लिस्ट करने का आदेश दिया जबकि 4 जून, 2020 को 2500 विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट किया गया। ब्लैकलिस्ट करने के पहले विदेशी नागरिकों का पक्ष भी नहीं सुना गया। गृह मंत्रालय का ये फैसला संविधान की धारा 21 का उल्लंघन है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक औरट्विटरपर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…