नई दिल्लीः हीमोफीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के बाहर बहता हुआ रक्त जमता नहीं है। इसके कारण चोट या दुर्घटना में यह जानलेवा साबित होती है क्योंकि रक्त के बहने पर बंद ही नहीं होता। यह बीमारी रक्त में क्लॉटिंग फैक्टर पदार्थ की कमी से होती है। क्लाटिंग फैक्टर में खून को शीघ्र थक्का बना कर जमा कर देने की क्षमता होती है। खून में इसके न होने से खून का बहना बंद नहीं होता है।
आनुवांशिक बीमारी है हीमोफीलिया
बच्चों को हीमोफीलिया की बीमारी अपने माता-पिता से विरासत में मिलती है। इसके मरीजों में फैक्टर 8 या 9 की कमी होती है, जिससे शरीर में कटने या खरोंच लगने पर रक्त लगातार बहता है। शरीर में इस फैक्टर की कमी होने पर जोड़ों में तेज दर्द और सूजन होता है। दर्द असहनीय होने पर बच्चे चिल्लाने लगते हैं और बेचैनी बढ़ जाती है। फैक्टर 8 एक आवश्यक रक्त-थक्का बनाने वाला प्रोटीन है, जिसे एंटी-हीमोफिलिक कारक के रूप में भी जाना जाता है। ऐसे बच्चे और वयस्क जिन्हें सामान्य चोट लगाने पर खून बहना बंद न होता हो, जोड़ में सूजन की साथ असहनीय दर्द हो जाता हो को तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
क्या है हीमोफीलिया
हीमोफीलिया बीमारी दो तरह की होती है हीमोफीलिया ए और हीमोफीलिया बी। यह एक अनुवाशिंक बीमारी होती है। इस बीमारी में शरीर में रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिसके कारण, चोट लगने पर रक्त जम नहीं पाता और वह असामान्य रूप से बहता रहता है। इस बीमारी पर तब तक लोगों का ध्यान नहीं जाता, जब तक कि उन्हें किसी कारण से गंभीर चोट न लगे और उनमें रक्त का बहना न रुकें।
हीमोफीलिया के लक्षण
मांसपेशियों एवं जोड़ों में रक्त स्राव व दर्द होना
नाक से लगातार खून निकलना
त्वचा का आसानी से छिल जाना
शरीर पर लाल, नीले व काले रंग के गांठदार चकत्ते
सूजन, दर्द या त्वचा गरम हो जाना
चिड़चिड़ापन, उल्टी, दस्त, ऐठन, चक्कर, घबराहट आदि
मूत्र या शौच करते समय तकलीफ होना
सांस लेने में समस्या
खून या काला गाढ़े घोल जैसे पदार्थ की उल्टी करना
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हर साल 17 अप्रैल को मनाया जाता है यह दिवस
हीमोफिलिया बीमारी को लेकर जागरूकता के लिए हर वर्ष 17 अप्रैल को विश्व हीमोफिलिया दिवस मनाया जाता है। यह विश्व फेडरेशन ऑफ हीमोफिलिया की एक पहल है। इस वर्ष की थीम- एक्सेस फॉर ऑल- पार्टनरशिप, पॉलिसी, प्रोग्रेस, एंगेजिंग योर गवर्नमेंट इंटेग्रटिंग इनहेरिटेड बिल्डिंग डिसऑर्डर्स इनटू नेशनल पॉलिसी यानी सभी के लिए पहुंच- साझेदारी, नीति, प्रगति। अपनी सरकार को शामिल करना, विरासत में मिले रक्तस्राव विकारों को राष्ट्रीय नीति में एकीकृत करना है।
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