Tuesday, October 22, 2024
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फर्जी वीजा पर लोगों को विदेश भेजने के मामले में दो हाई प्रोफाइल एजेंट गिरफ्तार

नई दिल्लीः दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी वीजा पर लोगों को विदेश भेजने के इंटरनेशनल रैकेट का खुलासा करते हुए दो हाई प्रोफाइल एजेंट को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी इटालियन वीजा पर दो परिवारों के कुल छह सदस्यों को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट भेज रहे थे। डीसीपी संजय त्यागी के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार एजेंटों की पहचान मनीष पटेल उर्फ केतन और दुष्यंत कुमार ब्रह्मभट्ट उर्फ डीसी, के रूप में हुई है। ये दोनों गुजरात के पाटन और खेड़ा के रहने वाले हैं। वहीं गिरफ्तार हवाई यात्रियों की पहचान रौनक पटेल, दीपिका पटेल, भार्गव पटेल और अर्चना पटेल के रूप में हुई है।

डीसीपी ने बताया कि पांच फरवरी को आईजीआईए पुलिस को दी गई शिकायत में आईजीआईए के बीओआई के कर्मी ने बताया कि पांच फरवरी को एयर इंडिया कर्मी दो परिवारों के दो बच्चों सहित कुल छह हवाई यात्रियों को ऑफलोड करने के रिक्वेस्ट लेटर के साथ इमीग्रेशन ऑफिस लेकर आए। इसमें बताया गया कि ये हवाई यात्री पासपोर्ट पर छेड़छाड़ और बदलाव किए गए इटालियन शेंगेन वीजा के साथ फ्लाइट बोर्ड करने की कोशिश कर रहे थे। डीसीपी ने बताया कि इससे पहले इमीग्रेशन काउंटर द्वारा डिपार्चर के लिए इमीग्रेशन क्लियरेंस दे दी गयी थी। यह एयर इंडिया की फ्लाइट नम्बर एआई-121 से फ्रैंकफर्ट, जर्मनी के रास्ते बेलग्रेड, सर्बिया जाने वाले थे।

जर्मन एयरपोर्ट लायजन ऑफिसर, एडवार्ड हॉक द्वारा पासपोर्ट पर चिपकाए गए वीजा के इस्लामाबाद स्थित इटालियन एम्बेसी से चोरी के होने का और नंबरों के साथ छेड़छाड़ की पुष्टि के बाद इन्हें एयर इंडिया की फ्लाइट से ऑफलोड किया गया। पूछताछ में आरोपित हवाई यात्रियों ने बताया कि वो अवैध तरीकों से यूएसए जाना चाहते थे। उन्होंने बताया कि एक एजेंट से 80 हजार रुपये प्रति शेंगेन वीजा की कीमत पर उन्होंने वीजा प्राप्त किया था। इस मामले की लिखित शिकायत के आधार पर आईजीआईए पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया। उसके बाद पुलिस टीम जांच में जुटी और आरोपित एजेंटों का पता लगाने लगी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला की आरोपित इंटरनेशनल व्हाट्सएप नंबर के माध्यम से अपने निशानों से संपर्क करता था और उनसे उनकी जानकारियों को हासिल करता था।

पुलिस ने आरोपित मनीष का दिल्ली के महिपालपुर इलाके के होटल में होने का पता चला। पुलिस ने छापेमारी कर उसे दबोच लिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह विदेश जाने के लिए उत्सुक रखने वाले लोगों की जानकारियां जुटाता था। इसके बाद वो शिकार और उसकी फैमिली से मिल कर उन्हें विदेश में बसने और रहने के सपने दिखाता था। ये एक करोड़ रुपये प्रति फैमिली चार्ज करते थे, जिसमें पति, पत्नी और एक बच्चा शामिल होता था। लोगों का भरोसा जीतने के लिए आरोपित उन्हें गंतव्य तक पहुंच जाने के बाद भुगतान करने की बात कह कर झांसे में ले लेता था।

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इसके बाद वो उनसे उनकी जरूरी जानकारियों को हासिल करता था। इस दौरान वीजा आदि के नाम पर वो तय रकम से कुछ रुपये भी ले लेता था। उसने बताया कि उसका साथी दुष्यंत यात्रियों के लिए वीजा उपलब्ध करवाता था। पुलिस ने आरोपित मनीष को रिमांड पर लेकर दुष्यंत को भी महिपालपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार दूसरे एजेंट दुष्यंत ने बताया कि सेनेगल के डकार में रहने वाले असलम नाम के एजेंट से शेंगेन वीजा लेता था। जांच में पुलिस को आरोपितों पर पहले से आईजीआईए थाने में इस तरह के पांच मामले दर्ज होने का पता चला। फिलहाल पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है।

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