नई दिल्लीः स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के मौके पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के मकसद से मंगलवार से देश भर में विज्ञान उत्सव की शुरूआत की जा रही है। संस्कृति मंत्रालय के साथ विज्ञान प्रौद्योगिकी से जुड़े 12 विभाग इस उत्सव का आयोजन कर रहे हैं।
सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में केन्द्र सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. विजय राघवन ने बताया कि इस उत्सव को चार भागों में बांटा गया है। पहले भाग में ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इतिहास के 75 केंद्र बिंदु बनाए गए हैं, जो राष्ट्र निर्माण में आधुनिक विज्ञान के संस्थापकों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के योगदान को रेखांकित करेगा। इसमें 75 वैज्ञानिकों पर 75 फिल्मों की स्क्रीनिंग और 75 स्थानों पर वैज्ञानिकों के 75 व्याख्यान शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि आयोजन के दूसरे भाग में प्रमुख नवाचारों या आविष्कारों को उजागर किया जाएगा, जिन्होंने वैश्विक विज्ञान या भारत के विकास की कहानी में एक छाप छोड़ी है। तीसरा भाग में स्वदेशी पारंपरिक आविष्कार और नवाचार है, जिसमें ऐसे 75 आविष्कारों या प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। और चौथे भाग में ‘ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया’ के अंतर्गत भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अगले 25 वर्षों के लिए आगे की राह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रेसवार्ता में मौजूद विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. एस चंद्रशेखर ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद 75 वर्षों की अवधि के दौरान देश की वैज्ञानिक उपलब्धियों का उत्सव मनाने और भविष्य की रूपरेखा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका को चिह्नित करने के उद्देश्य से एक देशव्यापी कार्यक्रम ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ को ‘गौरवशाली सप्ताह’ के रूप में मनाया जा रहा है। यह पहल देश की वैज्ञानिक विरासत और प्रौद्योगिकी कौशल को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है, जिससे रक्षा, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य, कृषि, खगोल विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में समस्याओं का समाधान खोजने में मदद मिली है। 22 फरवरी से शुरू होकर इस कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर 28 फरवरी 2022 को होगा।
क्या रहेगा खास
विज्ञान के इस महोत्सव के हिस्से के रूप में देशभर में कुल 75 विज्ञान प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी। इसी के साथ-साथ 75 विज्ञान आधारित व्याख्यान, 75 विज्ञान फिल्मों की स्क्रीनिंग, 75 रेडियो वार्ता प्रसारण, 75 विज्ञान पुस्तक मेले, 75 पोस्टर प्रस्तुति और 75 विज्ञान साहित्यिक गतिविधियों का आयोजन इस महोत्सव का हिस्सा है। हाइब्रिड मोड में आयोजित होने वाले इन आयोजनों में 75 पुरस्कार भी शामिल हैं। इसके लिए 75 स्थानों और संबंधित भागीदार संगठनों की पहचान की गई है ताकि यह कार्यक्रम स्थानीय भारतीय भाषाओं (अंग्रेजी और हिंदी के अलावा) में संचालित किए जा सकें। सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा एक साथ 75 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा जिसमें लेह , श्रीनगर, पोर्ट ब्लेयर एवं लक्षद्वीप, दमन, अहमदाबाद, ईटानगर, कोहिमा, आइज़ॉल शामिल है।
राजधानी में आयोजित होगा विज्ञान पुस्तक मेला
राजधानी दिल्ली में 22 से 28 फ़रवरी तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मेगा एक्सपो (प्रदर्शनी), राष्ट्रीय विज्ञान पुस्तक मेला और विज्ञान साहित्य उत्सव का आयोजन होगा। साहित्य उत्सव का उद्देश्य रंगमंच, कविताओं, कठपुतली शो और परछायी के माध्यम से प्रदर्शन सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विभिन्न लोक रूपों के माध्यम से विज्ञान का संचार करना है। यह देश के सभी 75 स्थानों पर एक साथ आयोजित किया जा रहा है। इसके अलावा, विशेष रूप से युवाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम, निबंध, पोस्टर और कविता प्रतियोगिता सहित अन्य कई प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं और सभी 75 स्थानों पर विभिन्न विज्ञान गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल वैज्ञानिक गतिविधियाँ युवा शिक्षार्थियों को विज्ञान के सिद्धांत सिखाने और विज्ञान से जुड़ने के लिए प्रेरित करने में प्रभावी भूमिका निभा सकती हैं।
‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ कार्यक्रम कई प्रादेशिक भाषाओं में होगी आयोजित
‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ कार्यक्रम कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु, उड़िया, बंगाली, असमिया, नेपाली, मैथिली और मणिपुरी सहित विभिन्न स्थानीय भाषाओं में आयोजित किया जाएगा और इसमें 75 फिल्मों की स्क्रीनिंग शामिल होगी। डीडी नेशनल और संसद टीवी महोत्सव के हर दिन दो घंटे का विशेष कार्यक्रम और आकाशवाणी एक घंटे का कार्यक्रम प्रसारित करेगा।इसके अलावा, दिल्ली में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह के साथ-साथ देश के 75 अलग-अलग स्थानों पर आयोजित होने वाले विभिन्न आयोजनों की एक साथ लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाएगी।
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