पटनाः जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्रीय बजट पर निराशा व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्रीय बजट विकसित राज्यों के लिए ऐतिहासिक लेकिन बिहार के लिए निराशाजनक है। वित्त मंत्री ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को अनसुना कर हम सभी बिहारवासियों को निराश किया है।
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बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्र के स्तर पर केंद्र सरकार का बजट स्वागत योग्य है लेकिन राज्य पर जो हम चाहते थे कि बिहार का पिछड़ापन यह बजट दूर करे उसके लिए बजट में कुछ नहीं है। बिहार के आर्थिक विकास के लिए इसमें अलग से कुछ नहीं दिखता। उसको लेकर हम मायूस है। बिहार को किसी तरह का विशेष पैकेज देने की बात बजट में नहीं कही गई है।
राजद प्रवक्ता रितु जायसवाल ने कहा कि बजट ने बिहारवासियों को निराश और हताश किया है। इस बजट से शायद नीतीश कुमार को भी काफी उम्मीद थी इसलिए वे लगातार चुप थे। इंतजार कर रहे थे लेकिन बजट ने सब को निराश किया है। ऐसे में अब नीतीश कुमार को नैतिक रूप से भाजपा के साथ एक मिनट भी नहीं रहना चाहिए।
बता दें कि आम आदमी यानी मिडिल क्लास की उम्मीदें हर बार की तरह इस बार भी टैक्स में राहत मिलने से ही जुड़ी थीं। लेकिन Budget 2022-23 में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी पीड़ा ज़ाहिर करनी शुरू कर दी है और देखते ही देखते मीम्स की बाढ़ आ गई है। एक ओर जहां केंद्रीय मंत्री और नेता इसे आत्मनिर्भर भारत का बजट बता रहे हैं, तो वहीं विपक्ष ने इस बजट पर निराशा जताई है।
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