Tuesday, October 22, 2024
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अपनी कविता ‘टू इंडियाज’ को लेकर विवादों में फंसे काॅमेडियन वीर दास, जानें क्या है पूरा मामला

मुंबईः भारत विरोधी बयान के चलते काॅमेडियन वीर दास विवादों में फंस गये हैं। सोशल मीडिया पर वीरदास का जमकर विरोध किया जा रहा है। विवाद यहीं नहीं थमा वीरदास के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है। दरअसल वीरदास ने अमेरिका के वाॅशिंगटन डीसी में ‘जॉन एफ कैनेडी सेंटर फॉर द परफॉर्मिंग आर्ट्स’ में अपने एक परफॉर्मेंस का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। इसमें वीडियों में उन्होंने भारत के लोगों के दोहरे चरित्र का जिक्र किया। वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने जमकर वीरदास का लताड़ लगायी। साथ ही वीरदास पर देश का अपमान करने का भी आरोप लगाया। वहीं बॉम्बे हाईकोर्ट के वकील आशुतोष जे दुबे ने कॉमेडियन वीरदास के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि मैंने कॉमेडियन वीरदास के खिलाफ मुंबई पुलिस में अमेरिका में भारत की छवि खराब करने को लेकर शिकायत दर्ज करवाई है, जो भड़काऊ है।

मामला बढ़ता देख वीरदास ने दी सफाई
वहीं मामले को तूल पकड़ता देख वीरदास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर सफाई पेष की है। उन्होंने लिखा है कि उनका इरादा देश का अपमान करने का नहीं था। उन्होंने सफाई में यहां तक कह दिया कि देश अपने तमाम मुद्दों के बाद भी महान है। उन्होंने कहा कि एक ही विषय के बारे में दो अलग विचार रखने वाले लोगों के बारे में वीडियो में बात हो रही है और ये किसी तरह का कोई रहस्य नहीं है, जिसे लोग जानते नहीं है।

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यह है वीरदास की कविता ‘टू इंडियाज’
मैं उस भारत से आता हूं, जहां एकक्यूआई 9000 है लेकिन हम फिर भी अपनी छतों पर लेटकर रात में तारे देखते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में गैंगरेप करते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां आप हमारी हंसी की खिलखिलाहट हमारे घर की दीवारों के पार से भी सुन सकते हैं।
और मैं उस भारत से भी आता हूं, जो कॉमेडी क्लब की दीवारें तोड़ देता है, जब उसके अंदर से हंसी की आवाज आती है।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां ओल्ड लीडर्स अपने मरे पिता के बारे में बात करना बंद नहीं करते और न्यू लीडर्स अपनी जीवित मां के रास्तों पर चलना शुरू नहीं करते।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां की एक बड़ी आबादी 30 साल से छोटी है, लेकिन फिर भी 75 साल के लीडर्स के 150 साल पुराने आइडियाज को सुनना बंद नहीं करती।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां लोग क्लब के बाहर सड़कों पर सोते हैं, लेकिन साल में 20 बार तो सड़क ही क्लब होती है।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम वैजिटेरियन होने में गर्व महसूस करते हैं, लेकिन उन्हीं किसानों को कुचल देते हैं, जो ये सब्जियां उगाते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जो कभी चुप नहीं होता और मैं उस भारत से आता हूं जो कभी नहीं बोलता।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां बच्चे मास्क लगा कर एक दूसरे का हाथ थामते हैं और मैं उस भारत से भी आता हूं, जहां के लीडर्स बिना मास्क लगाए गले मिलते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम बॉलीवुड की वजह से ट्विटर पर बंटे होते हैं, लेकिन थिएटर के अंधेरे में उसी बॉलीवुड की वजह से एक साथ होते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां हम जब भी ग्रीन के साथ खेलते हैं, ब्लीड ब्लू का नारा देते हैं, लेकिन ग्रीन से हारने पर हम अचानक से ऑरेंज हो जाते हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जहां म्यूजिक हमारा बहुत हार्ड है, लेकिन जज्बात बहुत सॉफ्ट हैं।
मैं उस भारत से आता हूं, जो ये देखेगा और कहेगा ये कॉमेडी नहीं है.. जोक कहां है ? और मैं उस भारत से भी आता हूं, जो ये देखेगा और जानेगा कि ये बहुत बड़ा जोक ही है, बस फनी नहीं है।

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