नई दिल्लीः सूर्योपासना के महापर्व को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है। लोक आस्था का पर्व छठ की शुरूआत नहाय खाय के साथ शुरू होने के बाद दूसरे दिन मंगलवार को व्रतियों ने खरना कर प्रसाद वितरित किया। महानगर कोलकाता समेत पूरे राज्य में आज बुधवार शाम छठ व्रत करने वाले व्रतियों की भारी भीड़ नदी के घाटों के साथ-साथ अस्थाई तौर पर बनाए गए जलाशयों पर होगी। छठ व्रती आज डूबते सूर्य को और कल यानि गुरुवार सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देंगे। इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाएगा।
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36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू
बता दें कि चार दिन तक चलने वाले छठ महापर्व में भगवान सूर्य की आराधना की जाती है। आठ नवंबर को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ यह पर्व सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा। मुख्य पूजा 10 और 11 नवंबर को होगी। पहला अर्घ्य 10 नवंबर को अस्त होते सूरज को दिया जाएगा। जबकि 11 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य को व्रती अर्घ्य देंगे। इसके साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा और व्रती प्रसाद खाकर पारण करेंगे। मंगलवार को खरना के बाद से व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया। इस दिन व्रत रखने वाले स्त्री और पुरुषों ने दिन भर उपवास रखने के बाद शाम को स्नान कर विधि-विधान से रोटी और गुड़ की खीर का प्रसाद तैयार किया।
कल उगते हुए सूर्य को दिया जाएगा उर्ध्य
बुधवार को शाम होते ही सूर्य डूबने से पूर्व छठ व्रती बांस के बने दउरी और सूप में ठेकुआ के साथ फल, चावल के लड्डू और अन्य पूजा की सामग्री सजाकर छठ घाट जाएगीं और डूबते सूर्य को पानी में खड़े होकर अर्घ्य देंगी। चौथा दिन 11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जायेगा और छठ महापर्व का समापन होगा। इस दिन व्रती सुबह सूर्योदय से पहले घाट पर जाकर पानी में खड़े होते हैं और उगते सूर्य की पूजा कर अर्घ्य देते हैं। फिर प्रसाद खाकर व्रत का पारण किया जाता है। व्रती अंतिम पूजा समाप्त होने तक नमक और चीनी के साथ ही प्याज व लहसुन का इस्तेमाल नहीं करते हैं। व्रतियों के प्रसाद ग्रहण करने के बाद ही आस-पास के लोगों व घर के सदस्यों ने प्रसाद ग्रहण किया।
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