जयपुर: भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर एवं चिरायु पंडित द्वारा महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर लिखित पुस्तक ‘Veer Savarkar – The Man Who Could Have Prevented Partition’ पर जयपुर में उदय माहुरकर, ऑर्गेनाइजर के पूर्व संपादक डॉ. शेषाद्री चारी और राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने क्रॉसवर्ड द्वारा आयोजित सेशन में संवाद कर वीर सावरकर के आजादी के आंदोलन में भूमिका, संघर्ष, व्यक्तित्व एवं उनके हिन्दुत्व के विचार पर विस्तार से प्रकाश डाला और इस किताब का राजस्थान में विमोचन भी किया।
डॉ. पूनियां ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के बारे में उदय माहुरकर द्वारा लिखित पुस्तक पर जयपुर में हो रही चर्चा पर देश-दुनिया की निगाह है, इसको लेकर हम सब गौरवान्वित हूं। भारत की आजादी वीर शहीदों के खून-पसीने से लिखी गई और ऐसे ही स्वातंत्र वीर सावरकर थे, जिनके महान व्यक्तित्व व संघर्ष के बारे में पुस्तकों व व्याख्यानों के जरिये प्रचारित-प्रसारित किया गया। पूनियां ने कहा कि, बचपन में हम पढ़ते थे वीर सावरकर की यातना व उनकी काल कोठरी के संघर्ष के बारे में और इस 12 अक्टूबर को वीर सावरकर के बारे में लिखित पुस्तक ‘Veer Savarkar – The Man Who Could Have Prevented Partition’ का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा विमोचन किया गया और उसी दिन से जिज्ञासा हुई कि उदय माहुरकर की लेखनी को उनकी वाणी के माध्यम से जयपुर के प्रबुद्धजनों को वीर सावरकर के बारे में संवाद हो, तो हम सबको माहुरकर व शेषाद्रि की वाणी के माध्यम से वीर सावरकर के संघर्ष, सोच व बलिदान के बारे में जानने का सौभाग्य मिला।
संवाद में उदय माहुरकर ने कहा कि वीर सावरकर के विचार के अनुसार नेशन फर्स्ट अपनाने से देश की ताकत दोगुनी हो जायेगी, जिससे हम सुपर पावर बनकर दुनियाभर में मजबूत स्थिति दर्ज करायेंगे, इसलिये सावरकर के विचार नेशन फर्स्ट को हम सभी को अपनाना चाहिये, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। माहुरकर ने कहा कि, वीर सावरकर फादर ऑफ नेशनल सिक्योरिटी एंड डिप्लोमेसी थे, जिनकी हर भविष्यवाणी सही साबित हो रही है। सावरकर ऐसे महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने समानता के लिये महाराष्ट्र के रत्नागिरी में इंटरकास्ट भोज कार्यक्रम एवं हल्दी कुमकुम कार्यक्रम आयोजित किये।
डॉ. शेषाद्रि चारि ने कहा कि वीर सावरकर का राष्ट्रवाद, राष्ट्रहित और सुपर पावर का विचार था, जिसकी उन्होंने बहुत पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी, जो आज सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के संकल्प से साकार होता दिख रहा है। उन्होंने कहा कि, महात्मा गांधी का सक्रिय कालखण्ड 1925 से 1945 तक 20 वर्षों का रहा, 1946 में उन्होंने कहा कि कांग्रेस में मेरी बात कोई बात नहीं मानता, 1947 में उन्होंने कहा था कि, कांग्रेस को विसर्जित कर दो इसका कार्य पूरा हो गया। कांग्रेस मुक्त भारत का स्लोगन तो सबसे पहले महात्मा गांधी ने ही दिया था।
कार्यक्रम का संचालन करते हुये डॉ. पूनियां ने पुस्तक के पेज नंबर 16 के बारे में जिक्र किया। डॉ. चारी से डॉ. पूनियां ने सवाल किया कि वीर सावरकर के बारे में अलग-अलग कालखण्ड में अलग-अलग धारणायें प्रकट होती हैं, इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर पर डाक डिकट जारी किया, लेकिन इंदिरा की कांग्रेस से लेकर राहुल गांधी की कांग्रेस तक यह देखने में आया है कि, राहुल गांधी की कांग्रेस में सावरकर घृणा की दृष्टि से देखे जाते हैं, कांग्रेस के नेता उनके बारे में घृणित सोच रखते हैं। डॉ. चारी ने जवाब में कहा कि, जो लोग सावरकर का विरोध कर रहे हैं, हमने अनेक नेताओं व महापुरुषों को आपस में बांट लिया है, जैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, शिवाजी, महात्मा गांधी इत्यादि को हमने रीजन व विचारधारा में बांट लिया है। हमारा कर्तव्य है कि सभी स्वतंत्रता सेनानियों व महापुरुषों को सम्मान देना चाहिये, चाहे वीर सावरकर हों या महात्मा गांधी, यह कार्य भाजपा कर रही है, लेकिन कांग्रेस नहीं कर रही।
कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री मुंजपरा महिन्द्र भाई, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, प्रदेश महामंत्री एवं राजसमंद सांसद दिया कुमारी, विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह, पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता देवेन्द्र झाड़डिया, प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा, जयपुर देहात उत्तर के अध्यक्ष जितेन्द्र शर्मा, समाचार पत्रों व न्यूज चैनल्स के प्रधान संपादक, संपादक, अन्य बौद्धिक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।