आगराः पुलिस हिरासत में हुई सफाई कर्मचारी की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले ने राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया है। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य कमल वाल्मीकि इस मामले को लेकर पार्टी की साख बचाने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं तो वहीं अखिलेश यादव, संजय सिंह और प्रियंका गांधी ने भी यूपी सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है।
अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उप्र सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 20, 2021
आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने घटना को लेकर ट्वीट किया और फिर परिजनों से मुलाकात करने के लिए आगरा के लिए रवाना हो गईं। मृत अरुण के स्वजन से मुलाकात करने आगरा जा रहीं प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस ने लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे पर रोक दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस की झड़प भी हुई। फिर भी प्रियंका गांधी आगरा जाने की जिद पर अड़ी रहीं तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
मुख्यमंत्री जी, आखिर आगरा में क्या छुपाना चाहती है आपकी सरकार?
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) October 20, 2021
पुलिस के दम पर मुझसे, हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की, बदसुलूकी करवा अपनी तानाशाही राजनीति का परिचय मत दो।
कांग्रेस पार्टी पीछे नहीं हटेगी, जुल्म नहीं सहेगी। पीड़ित वाल्मीकि परिवार से मिलकर रहेंगे। pic.twitter.com/xjFXBjzJCf
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आगरा के अरुण वाल्मीकि की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस हिरासत में मौत के मामले में उप्र नंबर 1 है।
— Ajay Kumar Lallu (@AjayLalluINC) October 20, 2021
प्रियंका जी पीड़ित परिवार से मिलना चाहती हैं। जबरिया पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अराजक भाजपा सरकार संवैधानिक अधिकारों को कुचलकर गुंडागर्दी पर उतारू है। pic.twitter.com/japBKS89JC
वहीं पुलिस हिरासत में हुई सफाई कर्मचारी की मौत की घटना लखनऊ तक गूंजने लगी है। आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह ने मांग है कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिले। एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिले और पुलिसकर्मी को 302 का मुलजिम बनाकर कार्यवाही हो। आप का दल पीड़ित परिवार से मुलाकात करेगा। उन्होंने कहा कि आगरा में पीड़ादायक, अत्याचारी, क्रूरता की एक घटना और सामने आयी है। वाल्मीकि समाज के व्यक्ति को इतना पीटा कि उसकी हत्या हो गयी। मैं पूछना चाहता हूं, क्या कस्टडी में डेथ का उप्र केंद्र बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने हाथरस की पुनरावृत्ति की है। एक के बाद एक कई मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें पुलिस ही कसूरवार हैं। फिर पुलिस वालों के खिलाफ पुलिस वाले कैसे कार्यवाही करेंगे।
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