भोपालः देश के अलग-अलग स्थानों पर बने चार वेदर सिस्टम के असर से मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में रुक-रुककर बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इन सिस्टम की बदौलत सोमवार से प्रदेश में बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है, जो करीब एक सप्ताह तक चलेगा।
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि शनिवार को बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र रविवार को गहरे कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो गया है। इस सिस्टम के सोमवार को अवदाब के क्षेत्र में परिवर्तित होकर पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। इसके प्रभाव से सोमवार को पूर्वी मप्र के रीवा, शहडोल, जबलपुर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है। मंगलवार से पूरे मध्यप्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला शुरू होने के आसार हैं। रुक-रुककर बारिश का दौर एक सप्ताह तक बना रह सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक दमोह में 75, धार में 35.3, दतिया में 25, श्योपुरकलां में 23, गुना में 13.1, शाजापुर में 13, खंडवा में सात, सागर में 4.1, भोपाल में 2.8, टीकमगढ़, मंडला में दो, उज्जैन, पचमढ़ी में एक, ग्वालियर में 0.3, जबलपुर में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई।
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ये हैं चार वेदर सिस्टम
भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में बंगाल की खाड़ी में एक गहरा कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। पूर्वी राजस्थान पर एक कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। मानसून ट्रफ इस सिस्टम से बूंदी, श्योपुरकलां, शिवपुरी, टीकमगढ़, छतरपुर होकर गुजर रहा है। एक अन्य ट्रफ पूर्वी अरब सागर से लेकर गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इन चार वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने से मप्र में अलग-अलग जिलों में बारिश हो रही है।
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