नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने आवास पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की।
सोमवार को सात लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस बैठक में अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर विस्तृत चर्चा हुई। दरअसल, अफगानिस्तान में ताजा हालात के तहत तालिबान ने दावा किया है कि उसने देश के अंतिम स्वतंत्र क्षेत्र पंजशीर घाटी पर अपना कब्जा जमा लिया है। इस घाटी में अफगान नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट की ओर से तालिबान का पिछले कुछ समय से प्रतिरोध जारी था। इसका नेतृत्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह और स्थानीय नेता अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद कर रहे थे।
पंचशील घाटी भौगोलिक तौर पर पहाड़ों से घिरे होने और नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट की ओर से मिल रहे प्रतिरोध के कारण अभी तक तालिबान के कब्जे से बाहर थी। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने काबुल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस जीत के साथ पूरा देश आप संघर्ष के दलदल से बाहर आ गया है। दूसरी ओर अफगान राष्ट्रीय नेशनल रजिस्टेंस फ्रंट ने तालिबान के इस दावे का खंडन किया है।
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर तात्कालिक प्राथमिकताओं को निर्धारित करने के लिए एक उच्च स्तरीय समूह का गठन किया था। इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
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भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में सरकार गठन और उसे मान्यता देने संबंधी किसी विषय पर स्पष्ट रूख सार्वजनिक नहीं किया है। दूसरी ओर अफगानिस्तान के पड़ोसी देश ईरान ने पंजशीर घाटी में तालिबान के हमले की निंदा की है। उसका कहना है कि यह अंतर्राष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है।
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