Tuesday, November 5, 2024
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeआस्थाबहुत प्रचलित है हरियाली तीज पर भगवान शंकर और माता पार्वती से...

बहुत प्रचलित है हरियाली तीज पर भगवान शंकर और माता पार्वती से जुड़ी ये कहानी

लखनऊः हरियाली तीज से जुड़ी एक कथा बहुत प्रचलित है। कथा के अनुसार, भगवान शिव ने माता पार्वती को उनके पिछले जन्मों का स्मरण कराने के लिए तीज की कथा सुनाई थी। एकबार की बात है माता पार्वती अपने पूर्वजन्म के बारे में याद करने में असर्मथ थीं तब भोलेनाथ माता से कहते हैं कि हे पार्वती! तुमने मुझे प्राप्त करने के लिए 107 बार जन्म लिया था, लेकिन तुम मुझे पति रूप में न पा सकीं, लेकिन 108वें जन्म में तुमने पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया और मुझे वर रूप में प्राप्त करने के लिए घोर तपस्या की।

भगवान शिव कहते हैं कि हे पार्वती! तुमने अन्न-जल का त्यागकर पत्ते खाए और सर्दी-गर्मी और बरसात में तुमने हजारों कष्टकर सहकर अपने वचन पर अडिग रहीं। तुम्हारे कष्टों को देखकर तुम्हारे पिताजी बहुत दुखी थे, तब नारद मुनि तुम्हारे घर पधारे और कहा कि मुझे भगवान विष्णु ने भेजा है। उन्होंने मुझसे कहलवाया है कि वह आपकी कन्या से प्रसन्न हैं और विवाह का प्रस्ताव भेजा है। तब पार्वती के पिता खुशी से भगवान विष्णु के साथ विवाह के लिए तैयार हो जाते हैं। नारदमुनि ने भी भगवान विष्णु को यह शुभ संदेश सुना दिया, लेकिन जब यह बात पार्वती को पता चली तब वह बहुत दुखी हुईं। पार्वती ने अपने मन की बात अपनी सखी को सुनाई। तब सखी ने माता पार्वती को घने जंगल में छुपा दिया। जब पार्वती के गायब होने की खबर हिमालय राज को पता चली तब उन्होंने खोजने में धरती-पाताल एक कर दिया, लेकिन हे पार्वती! तुम ना मिलीं क्योंकि तुम जंगल में एक गुफा में रेत से शिवलिंग बनाकर मेरी पूजा-पाठ में लीन थीं। हे पार्वती! तुम्हारी पूजा से मैं बहुत प्रसन्न हुआ और तुम्हारी मनोकामना पूरी की। जब हिमालयराज गुफा में पहुंचे तब तुमने अपने पिता को बताया कि मैंने शिवजी को पतिरूप में चयन कर लिया और उन्होंने मेरी मनोकामना पूरी कर दी है। शिवजी ने मेरा वरण कर लिया है। मैं आपके साथ केवल एक शर्त पर चलूंगी कि आप मेरा विवाह भोलेनाथ से करवाने के लिए तैयार हो जाएं। तब हे पार्वती! तुम्हारे पिताजी मान गए और विधि-विधान हमारा विवाह हुआ। हे पार्वती! तुम्हारे कठोर तप और व्रत से ही हमारा विवाह हो सका।

यह भी पढ़ेंः-अखंड सौभाग्य का पर्व है हरियाली तीज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

हे पार्वती! इस हरियाली तीज को जो भी निष्ठा के साथ करेगा, मैं उसको मनोवांछित फल प्रदान करूंगा। उसे तुम जैसा सुहाग मिलेगा। तब हिंदू धर्म की हर कुंवारी कन्या अच्छे वर की कामना हेतु यह व्रत रखती है। वहीं सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस व्रत को रखती हैं। भविष्य पुराण में देवी पार्वती ने खुद बताया है कि हरियाली तीज का व्रत करने पर महिलाओं को सुहाग और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सावन महीने में तृतीया तिथि कई वर्षों की कड़ी तपस्या के बाद देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने का वरदान प्राप्त किया था।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें