Friday, November 15, 2024
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हरियाली अमावस्या पर पिंडदान व तर्पण से पितरों को मिलती है शांति, जानें शुभ मुहूर्त व महत्व

नई दिल्लीः श्रावण मास भगवान भोलेनाथ का अतिप्रिय मास होता है। श्रावण मास में महादेव के पूजन का विशेष महत्व होता है। आज हरियाली अमावस्या का भी पर्व है। इसीलिए हरियाली अमावस्या पर विशेष तौर पर भगवान भोलेनाथ का पूजन-अर्चन और धर्म-कर्म करने से बड़ा पुण्य मिलता है। इस पवित्र पर्व पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु तीर्थ नगरी और भगवान श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में मंदाकिनी में आस्था की डुबकी लगाकर कामदगिरि की परिक्रमा कर पुण्यलाभ लेते हैं। आज के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत भी रखा जाता है। बता दें कि भगवान भोलेनाथ का श्रावण मास का हर दिन अति महत्वपूर्ण होता है। इसलिए श्रावण माह में शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है क्योंकि इसका हर दिन भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। आज श्रावण अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और दान करने से भी बड़ा लाभ मिलता है। अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।

हरियाली श्रावण अमावस्या के शुभ मुहूर्त
श्रावण अमावस्या तिथि की प्रारंभ 7 अगस्त को शनिवार के दिन शाम 7 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 8 अगस्त को रविवार की शाम 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा।

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हरियाली श्रावण अमावस्या का महत्व
श्रावण में शिवरात्रि के बाद अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। बतातें है कि इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान ध्यान और दान करने का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन पौधे लगाने से भी बड़ा पुण्य लिलता है। साथ ही इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, पूजा पाठ, ब्रह्मणों को भोजन आदि कराना चाहिए। पीपल के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है।

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