कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को लेकर ममता बनर्जी आज भड़क गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने से पहले रिपोर्ट लीक कर दी गई और बंगाल को बदनाम करने की कोशिश हो रही है।
दरअसल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट कलकत्ता हाई कोर्ट को सौंप दी है। इस रिपोर्ट दाखिल होने के बाद गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता बनर्जी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी अच्छी तरह जानते हैं कि यूपी में कानून का राज नहीं है। उन्होंने वहां जांच करने के लिए कितने कमीशन भेजे हैं? हाथरस से लेकर उन्नाव तक कई घटनाएं हो चुकी हैं। पत्रकारों को भी नहीं बख्शा गया। वे बंगाल को बदनाम करते हैं। बंगाल में सबसे ज्यादा हिंसा चुनाव से पहले हुई थीं।’
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ममता बनर्जी ने कहा कि हाईकोर्ट में एनएचआरसी रिपोर्ट जमा करने के बजाय इसे लीक कर दिया है। उन्हें कोर्ट का सम्मान करना चाहिए। यदि यह राजनीतिक प्रतिशोध नहीं है, तो वे रिपोर्ट कैसे लीक कर सकते हैं। वे बंगाल के लोगों को बदनाम कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कोरोना वैक्सीन की कमी पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यदि मोदी बंगाल को पैसा और वैक्सीन नहीं देते हैं तो यह अन्याय है। वह केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके और राजनीतिक प्रतिशोध चलाकर बंगाल को बदनाम कर रहे हैं। वह बंगाल चुनावों में हुआ अपना नुकसान स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हमें 14 करोड़ वैक्सीन खुराक की जरूरत है, लेकिन हमें पर्याप्त रूप से वैक्सीन नहीं मिल रही है। हमें केवल अब तक 2.12 करोड़ वैक्सीन खुराक मिली है। हमने खुद 18 लाख वैक्सीन खुराक खरीदी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राज्यों को अधिक टीके मिल रहे हैं, कुछ को बिल्कुल नहीं मिल रहे हैं। अब जबकि कोरोना की स्थिति में सुधार हुआ है, वह संसद सत्र के दौरान दिल्ली जाएंगी और वहां कुछ नेताओं से मुलाकात करेंगी। समय मिला तो वह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी मिलेंगी।