नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा संगठन में रिक्त पदों को भरने की कवायद में जुट गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिपरिषद के विस्तार के बाद भाजपा संगठन और संसदीय बोर्ड में कई पद रिक्त हैं। इन पदों पर नियुक्ति के लिए भाजपा नेतृत्व तमाम नेताओं के कामकाज और उपलब्धियों का आंकलन कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, संगठन में उपाध्यक्ष, महासचिव और शीर्ष निर्णायक संस्था संसदीय बोर्ड में चार पद रिक्त हैं। ऐसे वक्त में जब आगामी वर्ष 2022 में सात राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब,गोवा, मणिपुर, गुजरात और हिमाचल प्रदेश) में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो संगठन और संसदीय बोर्ड में रिक्त पदों को भरने को लेकर भाजपा नेतृत्व को खासी मशक्कत करनी पड़ सकती है। हाल ही में मंत्रिपरिषद से हटे रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, डॉ. हर्षवर्धन, संतोष गंगवार को भी सांगठनिक दायित्व दिया जा सकता है। हालांकि, सूत्र यह भी बताते हैं कि मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले सभी नेताओं को सांगठनिक दायित्व दिया जाए, यह जरूरी नहीं है।
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मौजूदा समय में संसदीय बोर्ड में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और महासचिव (संगठन) बीएल संतोष शांमिल हैं। यानी 11 सदस्यीय बोर्ड में चार पद रिक्त हैं।
सूत्रों की मानें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर को संसदीय बोर्ड में जगह मिलने की संभावना है। इसके साथ ही क्षेत्रीय, जातिगत एवं लैंगिक संतुलन को साधने के साथ ही सांगठनिक और अन्य गुणों के आधार पर भी भाजपा नेतृत्व दायित्व तय कर सकता है।
पार्टी के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय कार्यकारिणी पार्टी अध्यक्ष के साथ एक संसदीय बोर्ड का गठन करती है, जिसमें अध्यक्ष के अलावा 10 सदस्य होंगे। इन सदस्यों में संसदीय दल के नेता भी शामिल होंगे और पार्टी अध्यक्ष इस बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे। भाजपा संसदीय बोर्ड पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक संस्था है जो सांगठनिक और चुनावी रणनीति तैयार करती है। साथ ही टिकट के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगाती है।