नई दिल्लीः विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने कोविड की दूसरी लहर से निपटने के लिए एक योजना शुरू की है। यह योजना ‘निधि4कोविड2.0’ के नाम से शुरू की गई है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति जारी कर नई प्रौद्योगिकियों व अभिनव उत्पादों के विकास के लिए स्टार्ट-अप्स और कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। इन स्वदेशी कंपनियों से सरकार उम्मीद कर रही है कि कोरोना से लड़ने के लिए जरूरी उपकरण बनाएं। ऐसी कंपनियों को केन्द्र सरकार आर्थिक मदद करेगी। निधि4कोविड2.0 योजना के तहत कंपनियां आवेदन दे सकती हैं। इसके जरिये भारत में पंजीकृत उन पात्र स्टार्ट-अप और कंपनियों को आर्थिक मदद दी जायेगी, जो ऑक्सीजन नवाचार, आसानी से लाने-ले जाने वाले उपकरण, जरूरी मेडिकल सहायक सामग्री, निदान संबंधी समाधान और कोविड-19 के गहरे असर का सामना करने वाले देश/समाज की मदद और इसका असर कम करने का समाधान निकाल सकें।
डीएसटी के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा ने कहा, “ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरणों के विकास को सहायता देने से ऐसी तमाम जरूरी चीजों के विकास और निर्माण के अपार अवसर मिल जाते हैं, जिन्हें आयात किया जाता है, जैसे विशिष्ट वॉल्व, जेयोलाइट पदार्थ, तेल-रहित व शोर-रहित छोटे कंप्रेसर, गैस सेंसर आदि। तमाम सेक्टरों में इनका भरपूर इस्तेमाल होता है।”
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उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में, बाजार में नई प्रौद्योगिकियां और उत्पाद लाने में स्टार्ट-अप्स अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस तरह देश कोविड के खिलाफ मौजूदा जंग के दौरान विभिन्न मोर्चों पर मजबूत बनेगा। कुछ स्टार्ट-अप्स की प्रौद्योगिकियां वाकई कारगर हैं लेकिन उन्हें सलाह, वित्त और बाजार समर्थन की जरूरत है, ताकि वे अगले स्तर तक पहुंच सकें। लिहाजा, डीएसटी इस नई पहल के जरिये कोशिश कर रही है कि पात्र स्टार्ट-अप्स को आवश्यक सहयोग मिल सके और उनकी प्रौद्योगिकियां विकसित हों। उनके उत्पाद विकास स्तर तक पहुंच सकें, इसके लिए डीएसटी हर संभव मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो इच्छुक आवेदक समाधान दे सकते हैं, वे पोर्टल https://dstnidhi4covid.in पर 31 मई तक आवेदन कर सकते हैं।