Sunday, December 22, 2024
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कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं, ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में बेहद कारगर हैं होम्योपैथी दवाएं

नई दिल्लीः कोरोना से पीड़ित मरीजों का ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में होम्योपैथी की दवा काफी कारगर साबित हो रही है। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। कोविड-19 के संक्रमण होने पर शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। आपके शरीर में रक्त कणिकाओं में कितनी ऑक्सीजन की मात्रा है, यह प्रतिशत के आधार पर मापी जाती है। जैसे अगर आपका ऑक्सीजन लेवल 96 है तो इसका मतलब है कि महज चार प्रतिशत खून कोशिकाओं में ऑक्सीजन नहीं है। बढ़िया ऑक्सीजन मात्रा वाले ब्लड सेल्स और अन्य ब्लड सेल्स यानी कि चमकदार लाल और गहरे लाल ब्लड सेल्स के अनुपात के आधार पर ही ऑक्सीमीटर डिवाइस ऑक्सीजन सैचुरेशन को प्रतिशत में गणना करती है। साथ ही इसका माप बता देती है। यह काम ऑक्सीमीटर करता है।

सामान्य इंसान में ऑक्सीजन लेवल 95 से 100 प्रतिशत के बीच होनी चाहिए। खून में मौजूद हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन का वाहक होता है। ये पूरे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है। ऑक्सीजन की कमी के कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ा जाता है। यही नहीं ऑक्सीजन की कमी से ब्रेन हैमरेज व हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। मधुमेह रोगियों में ऑक्सीजन की कमी के कारण रक्त में शुगर अचानक बढ़ जाना जानलेवा होता है। ऑक्सीजन की कमी से थायरॉइड हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ जाता है। ऑक्सीजन लेवल 90 से कम होने पर खतरा बढ़ जाता है। अगर मरीज का एस पी 2 लेवल 94 से 100 के बीच है तो वह स्वस्थ है। अगर यह लेवल 94 से नीचे आए तो कई दिक्कतें आ सकती हैं।

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वहीं अगर ऑक्सीजन लेवल 90 से भी नीचे जाए तो रोगियों के लिए खतरा है। सांस लेने में कठिनाई, सांस फूलने लगना, थकान महसूस होना, भ्रम की स्थिति, होठों व चेहरे का रंग नीला पड़ना, सीने में दर्द या जलन होना, चलने व उठने में समस्या, छाती में दर्द, सीने में दबाव, खांसी और तेज सिर दर्द होना आदि की शिकायत मिलती है। फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी होने पर घबराएं नहीं। होम्योपैथिक दवा वैनेडियम, कार्बोवेज, एस्पिडोस्पर्माका का सेवन करें। साथ ही बार बार जुकाम होने पर इनफ्लुन्जिनम 200 का सेवन जरूर करें। सावधानी बरतते हुए गर्म पानी तथा दूध में हल्दी का पाउडर मिलाकर पीएं। खजूर एवं नींबू, संतरा, आंवला का मुरब्बा या जूस अथवा पाउडर का प्रयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में बहुत ही कारगर है।

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