Saturday, October 19, 2024
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मराठा आरक्षण: मुख्यमंत्री ठाकरे के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से मिलेगा महाविकास आघाड़ी का शिष्टमंडल

मुंबई: मराठा आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास आघाड़ी के शिष्टमंडल ने मंगलवार को राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। मराठा आरक्षण के संदर्भ में राष्ट्रपति और केंद्र सरकार कदम उठाए इसलिए पत्र राज्यपाल को सौंपा गया। राज्यपाल से अनुरोध किया गया कि हमारी भावनाएं केंद्र तक पहुंचाई जाए। मुख्यमंत्री ने बताया कि मराठा आरक्षण के मामले को लेकर जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की जाएगी।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण पर फैसला देते समय कहा था कि आरक्षण देने का अधिकार राष्ट्रपति और केंद्र सरकार को है। इस निर्णय के परिपेक्ष्य में केंद्र सरकार शीघ्र कदम उठाए। इस आशय का अनुरोध पत्र राष्ट्रपति और केंद्र सरकार को लिखा गया है। राज्यपाल अपने माध्यम से यह पत्र राष्ट्रपति और केंद्र सरकार को भेजें। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को इस संबंध में विनंती करने का निश्चय किया गया था। इसी के तहत राज्यपाल से मिलकर पहला कदम उठाया गया है। हमारी भावनाएं राज्यपाल केंद्र तक पहुंचाएंगे। राज्यपाल से मिलने गए शिष्टमंडल में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, अशोक चव्हाण, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील, नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, जलसंसाधन जयंत पाटील और विधायक नाना पटोले शामिल थे।

मुख्यमंत्री के अनुसार मराठा आरक्षण के कानून को विधानमंडल में सभी पार्टियों ने सर्वसम्मति से स्वीकृत किया था। जनता की भावनाओं का आदर करते हुए यह निर्णय लिया गया था। यह न्यायालय में नहीं टिक सका, फिर भी सरकार के तौर पर हम सब मराठा समाज की भावनाओं से सहमत हैं। मराठा समाज ने हमेशा समझदारी दिखाई है। आरक्षण को लेकर सरकार उनके साथ है। यह समाज भी भलीभांति जानता है। वे सरकार के विरोध में नहीं हैं। इसके लिए मैंने पहले भी मराठा समाज को धन्यवाद दिया था और आज फिर दे रहा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण का अधिकार मिलना ही चाहिए, यह हमारी भूमिका है। आरक्षण का मसला केवल एक राज्य का विषय नहीं है। देश के अन्य राज्यों का भी मामला है। राज्यों का अधिकार अबाधित रहे, इसके लिए भी केंद्र सरकार से फीडबैक ली जाएगी।

मराठा आरक्षण संबंधी मंत्रिमंडल उपसमिति के अध्यक्ष व पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि राज्य के अभिभावक के तौर पर राज्यपाल कोश्यारी राष्ट्रपति और केंद्र सरकार के पास महाराष्ट्र का पक्ष रखें। राज्यपाल की भूमिका महत्वपूर्ण है, वे मराठा समाज को न्याय दिलवाएं। चव्हाण ने बताया कि मराठा आरक्षण को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट और मुंबई हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिलीप भोसले की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।

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