गांधीनगरः गुजरात में सूरत के ओलपाड इलाके में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की एक अवैध फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने बड़ी मात्रा में फैक्ट्री से नकली इंजेक्शन की खेप और 58 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। यह जानकारी गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा और डीजीपी आशीष भाटिया ने दी। प्रदीप सिंह जडेजा ने बताया कि सरकार गुजरात को कोरोना मुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, जबकि कुछ लोगों ने कोरोना रोगियों के लिए उपयोग किए जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी शुरू कर दी है। इन लोगों ने अन्य प्रकार के इंजेक्शन के रैपर को हटाकर उन पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टीकर को चिपकाकर नकली इंजेक्शन बनाने का काम किया है।
उन्होंने बताया कि सूरत डीसीबी ने मोरबी पुलिस के साथ गुप्त सूचना के आधार पर रॉयल विला फार्म हाउस पर छापा मारा, जहां नकली इंजेक्शन से भरे 400 बॉक्स मिले। प्रत्येक बॉक्स में 14 से 15 इंजेक्शन हैं। इस तरह नकली इंजेक्शन की संख्या 5000 से अधिक है। इस फार्म हाउस में ग्लूकोज और नमक से 55 हजार से अधिक ऐसे नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाए जा रहे थे। इस मामले में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच, मोरबी, राजकोट, भरूच और सूरत पुलिस ने बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो नकली इंजेक्शन बनाने के इस अमानवीय और काले धंधे में शामिल थे।
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वहीं 1117 इंजेक्शन अहमदाबाद के जुहापुरा में भी बरामद किए गए हैं, पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि ये इंजेक्शन असली हैं या नकली। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। मोरबी पुलिस ने तीन आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।