लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति व अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति देने में रिकार्ड कायम किया है। सरकार का दावा है कि छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति दिए जाने का काम किया गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि पिछले चार साल में योगी सरकार ने दसवी के ऊपर के अनुसूचित जाति के छात्रों को 5309 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति दी है। वहीं, अनुसूचित जनजाति के छात्रों का भी सरकार ने पूरा ख्याल रखा है। सरकार की ओर से दसवीं के ऊपर के छात्रों को 71.49 करोड़ रुपए छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा चुका है। इसके अलावा अल्पसंख्यक छात्रों को भविष्य बनाने के लिए साढ़े चार लाख छात्रों को 109 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में पिछड़े, दलित, वंचित वर्ग समेत अल्पसंख्यक गरीब छात्रों के भविष्य को संवारने के लिए योगी सरकार ने चार सालों में छात्रवृत्ति वितरण में कीर्तिमान बना दिया है। सरकार की ओर से अनुसूचित जाति व सामान्य वर्ग की तर्ज पर अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक व अनुसूचित जनजाति के गरीब छात्र-छात्राओं को करोड़ों रुपयों की छात्रवृत्ति को सीधे छात्र-छात्राओं के खातों में भेजा जा रहा है। योगी सरकार ने विगत चार वर्षों में अनुसूचित जाति के दसवीं कक्षा से नीचे के छात्रों को 391.75 करोड़ रुपए और अनुसूचित जाति के दसवीं कक्षा से ऊपर के छात्रों को 5309 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति वितरित की है।
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वहीं अनुसूचित जनजाति के दसवीं कक्षा से नीचे के के छात्रों को 3 करोड़ 7 लाख रुपए और अनुसूचित जनजाति के दसवीं कक्षा से ऊपर के छात्रों को 71. 49 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति वितरित किया गया है। साथ ही अन्य पिछड़े वर्ग के दसवीं कक्षा से नीचे छात्रों को 576.48 करोड़ रुपए और दसवीं कक्षा से ऊपर के छात्रों को 4217.15 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। प्रवक्ता के अनुसार अल्पसंख्यक वर्ग के 4 लाख 31 हजार 730 दसवीं कक्षा से नीचे के छात्रों को 109.6 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति दी गई। 12 लाख 57 हजार 210 छात्र-छात्राओं को 899.92 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति और सामान्य वर्ग के 2 लाख 32 हजार 552 दसवीं से पूर्व छात्रों को 59.58 करोड़ रुपए एवं दसवीं से आगे के छात्र-छात्राओं को 2052.65 करोड़ रुपए छात्रवृत्ति वितरित की गई।