नाएपीडा: म्यांमार में सरकार के तख्ता पलट और देश में सैन्य शासन का हिंसक विरोध लगातार जारी है। रविवार देर शाम तक देश के अलग-अलग हिस्सों में सैन्य और पुलिस की कार्रवाई में 38 लोगों की जान चली गयी। अकेले पूर्व राजधानी और सबसे बड़े शहर यंगून में इस दौरान 21 लोगों की जान चली गई।
इस साल 1 फरवरी को म्यांमार की सेना ने देश की सर्वोोच्च नेता आंग सान सू की सहित कई नेताओं को गिरफ्तार कर सत्ता अपने हाथ में ले ली थी। देश में हुए चुनावों में लगभग 83 प्रतिशत बहुमत के साथ सत्ता में आई सरकार को सेना ने यह कहकर मानने से इनकार कर दिया था कि चुनावों में धांधली हुई है। सू की ने सेना के शासन को मानने से इनकार करते हुए लोगों से इसका विरोध करने की अपील की थी।
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गिरफ्तारी से बचे नेताओं के समूह ने ताजा घटनाक्रम में दो दिन पहले ही आम लोगों का आह्वान किया कि वे अधिकारियों के खिलाफ क्रांति शुरू कर दें। सेना को भी बहाना मिला और यंगून के हलिंग थारयार में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां चलायी। एक अनुमान के मुताबिक तख्ता पलट के बाद से हिंसक प्रदर्शनों के दौरान मारे गये लोगों की संख्या 100 से भी ऊपर पहुंच गयी है।