Thursday, January 16, 2025
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मप्र बजट सत्र: विधानसभा में किसान कर्जमाफी को लेकर विपक्ष ने किया जमकर हंगामा

भोपालः मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। किसान कर्जमाफी को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया तो वहीं सदन में एससी-एसटी के छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलने का मुद्दा भी उठा। किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर सरकार ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया।

दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। इस दौरान कांग्रेस विधायक कुणाल चौधीर ने किसान कर्जमाफी का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से सवाल किया था कि कमलनाथ सरकार के दौरान 27 लाख किसानों की कर्ज माफी की गई थी। शेष किसानों की कर्ज माफी कब तक होगी? इसका जवाब कृषि मंत्री कमल पटेल ने देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार और राहुल गांधी झूठ बोलते हैं। कमलनाथ सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। इस पर कांग्रेसी विधायक भड़क गए और हंगामा करने लगे। विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार किसान विरोधी है। वह किसानों का कर्ज माफ नहीं करना चाहती है, इसलिए कृषि मंत्री सदन में जवाब नहीं दे रहे हैं।

इतना सुनते ही कमल पटेल के बचाव में बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कर्ज माफी को लेकर कमलनाथ सरकार पर किसानों को धोखा देने के आरोप लगाए। सदन में हंगामा बढ़ गया तो अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। कार्यवाही फिर शुरू हुई तब कांग्रेस विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि सरकार सिर्फ इतना बताए कि किसानों की कर्ज माफी होगी या नहीं? इसका जवाब कृषि मंत्री कमल पटेल देते, उसके पहले ही नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। इस पर कांग्रेस ने भी आरोप लगाया कि सरकार विधानसभा में यह स्वीकार कर चुकी है कि मध्य प्रदेश के 27 लाख किसानों का कर्जा कमलनाथ सरकार ने माफ किया था। अब सरकार यह क्यों नहीं बता रही कि शेष किसानों का कर्ज कब माफ किया जाएगा। हंगामे के बाद कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे पर वॉकआउट कर दिया।

वहीं, शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने एससी-एसटी वर्ग के छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले बजट में इस योजना में 172 करोड़ रुपए का प्रावधान था, जिसे अब घटाकर 57 करोड़ कर दिया गया है। सरकार एससी एसटी के छात्र छात्राओं की हितैषी नहीं है।

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वहीं, शून्यकाल के दौरान पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने नगरी निकाय चुनाव में वीवीपैट मशीनों के उपयोग को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह जानकारी मिली है कि नगरीय निकाय चुनाव में वीवीपैट मशीनों का उपयोग नहीं किया जा रहा है। सरकार सदन में इसका जवाब दे। इस पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह जैसे ही जवाब देने के लिए खड़े हुए, तभी विपक्ष ने एक अन्य मामले को लेकर वॉकआउट कर दिया।

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