नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से कहा है कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झीलक्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटाने के बाद अब तनाव के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी ही प्रक्रिया पूरी की जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा है कि इस मामले को टाला जाना दोनों देशों में से किसी के हित में नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति के बारे में शुक्रवार की पत्रकार वार्ता में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बातचीत का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते विदेश मंत्री ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने समकक्ष से कहा है कि सैनिकों को पीछे हटाने के बाद सीमा क्षेत्र में सैनिक गतिविधियों को कम करने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। दोनों नेता एक हॉटलाइन स्थापित करने के लिए भी सहमत हुए हैं, जिसपर विस्तृत निर्णय बाद में राजनयिक चैनलों के माध्यम से लिया जाएगा।
श्रीवास्तव ने बताया कि विदेश मंत्री ने कहा था कि दोनों पक्ष हमेशा इस बात पर सहमत हुए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सामान्य स्थिति के लिए एक आवश्यक आधार हैं। मौजूदा स्थिति का लम्बा खींचना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। ऐसे में चीन को भारत के साथ डब्ल्यूएमसीसी और वरिष्ठ कमांडरों की बैठकों के माध्यम से शेष क्षेत्रों में सैन्य तैनाती कम करने का काम जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए। इससे दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिविधियों को कम कर पायेंगे जिससे शांति व सामान्य स्थिति की बहाली होगी और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए परिस्थितियां तैयार होंगी।