सीधीः जिले के रामपुर नैकिन में हुए बस हादसे के 96 घंटे बाद नहर में दो और लाशें मिली हैं। लाशों का चेहरा मछलियों ने कुतर दिया था, इसलिए इनकी पहचान में काफी परेशानी आई फिर भी परिजनों ने इनकी पहचान रमेश विश्वकर्मा (25) और योगेंद्र शर्मा (28) के रूप में की है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम अब सिलपरा और टीकर के पास लापता युवक की तलाश कर रही हैं।
बाणसागर नहर की 4 कि.मी.लंबी टनल में कुछ शवों के फंसे होने की आशंका के चलते सीधी जिला प्रशासन ने शुक्रवार सुबह बाणसागर डैम से नहर में पानी छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद फुलप्रेशर से डेम से पानी छोड़ा गया। तीन स्थानों टीकर, सिलपरा और टनल के पास रेस्क्यू टीमें तैनात थी। चार किमी लंबी टनल में फुल प्रेशर से पानी पहुंचा तो दो लाशें टीकर नहर में टनल से डेढ़ किलोमीटर दूर बहकर आ गईं। बुरी तरह फूल चुकी लाशों में से एक की शिनाख्त परिजनों ने रमेश विश्वकर्मा के रूप में की है।
मूलत: बिहार निवासी रमेश के पिता राजेंद्र सीधी में पीडब्लूडी में नौकरी करते हैं। रमेश अपनी बहन के घर बलिया (उत्तर प्रदेश) जाने के लिए बस में मंगलवार को सवार हुआ था। उसे सतना में ट्रेन पकड़नी थी। चार दिन से परिवार उसकी तलाश में आंसू बहा रहा था। वहीं, दूसरे मृतक योगेंद्र शर्मा पिपरोहर निवासी थे और एचडीएफसी बैंक में काम करते थे। मंगलवार को बैंक के ही काम से ही बस से सतना जा रहे थे। पिता सुरेश कुमार ने बताया था कि मंगलवार सुबह नौ बजे हादसे की सूचना मिली थी। तभी से परिवार योगेंद्र के मिलने की उम्मीद में सीधी से रीवा जिले की सीमा में नहर किनारे भटक रहा था।
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हादसे की शिकार हुई बस में सवार कुकरीझर निवासी अरविंद विश्वकर्मा (20) का अब पता नहीं चल सका है। उनके पिता विश्वनाथ ने बताया था कि बेटा अपनी बुआ की बेटी बोदरहवा सिहावल निवासी यशोदा विश्वकर्मा (24) को एएनएम की परीक्षा दिलाने जा रहा था। हादसे में यशोदा की मौत हो गई और उसका शव मंगलवार को ही मिल गया था। लेकिन अरविंद अभी भी लापता है।