नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दोनों किनारों से भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शनिवार को सुबह 10 बजे मोल्डो में दोनों देशों के बीच 10वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता होगी। चार चरणों में पूरी होने वाली प्रक्रिया के पहले चरण में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे से पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र के दोनों किनारों से बख्तरबंद, टैंक और पक्के निर्माण हटने के साथ ही अब दोनों देशों के सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है। कल होने वाली बैठक में चीन के साथ टकराव वाले अन्य क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी।
चीन के साथ हुए मौजूदा समझौते की बुनियाद दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच 12 अक्टूबर को हुई 7वें दौर की बैठक में पड़ी थी। इसके बाद 8वें और 9वें दौर की बैठक में 10 माह से चले आ रहे गतिरोध को सुलझाने का रास्ता निकला। चीन के साथ भारत का अंतिम मौखिक समझौता 24 जनवरी को हुआ था। चीन ने 9 फरवरी को एक लिखित दस्तावेज वापस भेजा और 10 फरवरी की सुबह इस पर भारत की ओर से हस्ताक्षर किए गए। इसी दिन से चीन ने पैंगोंग झील के दक्षिणी और उत्तरी तट से पीछे हटना शुरू कर दिया, जिसकी जानकारी खुद चीनी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके दी। 11 फरवरी की शाम तक 200 से अधिक चीनी टैंक रुतोग सैन्य अड्डे पर वापस पहुंच गए थे, जो मोल्डो से लगभग 90-100 किमी दूर था। इस बीच भारत ने भी अपने टैंकों को लोमा के पास वापस खींच लिया, जो न्योमा के पास एक छोटा सैन्य अड्डा था।
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भारत-चीन के बीच समझौते के बाद पैंगोंग एरिया से पीछे हटने की चल रही इस प्रक्रिया की पहली बार सेना की ओर से अधिकृत तस्वीरें और वीडियो जारी करके इसकी पुष्टि की गई है। इसके साथ ही भारत और चीन के सैनिकों ने पैंगोंग के दक्षिण में कैलाश रेंज से भी पलायन शुरू कर दिया है। यह प्रक्रिया इसलिए तेजी से की गई, क्योंकि शुक्रवार तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। 10 फरवरी से शुरू हुई यह प्रक्रिया चार चरणों में पूरी होनी है। पहले चरण में टैंक-बख्तरबंद गाड़ियों की वापसी हो चुकी है। दूसरे और तीसरे चरण में उत्तर एवं दक्षिण किनारों से इन्फैंट्री को पीछे हटाया गया है। चौथे चरण में कुछ अहम चोटियों से पीछे हटने की प्रक्रिया हुई है। इसके बाद कॉर्प्स कमांडर की 10वें दौर की वार्ता शनिवार को सुबह 10 बजे मोल्डो में होगी जिसमें गोगरा, हॉटस्प्रिंग और डेपसांग सहित अन्य टकराव वाले क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी।