पाकिस्तान ने किया सुरक्षा परिषद में नए देश जोड़ने का विरोध, कही ये बात

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Munir Akram, who has been appointed Pakistan's Permanent Representative to the United Nations. (File Photo: UN)

इस्लामाबादः भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान जी-4 के इन चार देशों ने जहां एक ओर 15-सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार एवं नए स्थायी सदस्यों को जोड़ने के प्रयास को तेज करने पर जोर दिया है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने इसका विरोध किया है।

अपने विरोध को सही ठहराने के लिए पाकिस्तान ने दलील दी है कि सुरक्षा परिषद के प्रसार से आपसी सहमति पर आधारित उन प्रक्रियाओं की हत्या हो जाएगी जो इस संस्था को और अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनाती हैं।

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में पाकिस्तान के स्थायी राजदूत मुनीर अकरम ने कहा कि इंटर गवर्मेट नेगोसिएशन्स (आईजीएन) अर्थात अंतर-सरकार वार्ता प्रक्रिया को कमजोर करने अथवा इसे पटरी से उतारने की किसी भी कोशिश का उल्टा परिणाम निकलेगा।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए आईजीएन ही एकमात्र विश्वसनीय मंच है। उन्होंने जी-4 के सदस्य देशों- भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान की आलोचना करते हुए कहा कि वे ऐसी आशंका पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर सुधार संबंधी उनके प्रयासों को समर्थन नहीं मिलता है तो सुरक्षा परिषद में सुधार का एक मौका हाथ से निकल जाएगा।

अकरम ने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि आज आईजीएन की पहली बैठक में मैंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार के लिए पाकिस्तान की सैद्धांतिक स्थिति को फिर से स्पष्ट करने की कोशिश की है। हम आईजीएन प्रक्रिया में जान डालने के लिए सदैव तत्पर हैं, लेकिन कुछ देश इस प्रक्रिया की हत्या करना चाहते हैं। गौरतलब है कि फरवरी, 2009 से ही संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श जारी है और तभी से ही परिषद के प्रसार के लिए एक सामान्य सहमति है।

आईजीएन वार्ता की शुरुआत से ही सभी देश इसके निष्कर्षो को लेकर बंटे हुए हैं। जी-4 के देशों ने सुरक्षा परिषद में 10 देशों (छह स्थायी और चार अस्थायी) को शामिल किए जाने की वकालत की है। लेकिन, इटली और पाकिस्तान ने इसमें किसी और देश को शामिल करने पर आपत्ति जताई है। यूनाइटिंग फॉर कन्सेन्सस (यूएफसी) ग्रुप, जिसमें पाकिस्तान के अलावा इटली भी शामिल है, ने कहा है कि अगर सुरक्षा परिषद का विस्तार होता है तो इससे यह कम प्रभावी हो जाएगा।