लखनऊः कृषि कानूनों के खिलाफ आन्दोलित किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर एक बार फिर सियासत तेज हो गई है। विरोधी दलों के नेता इस मामले में एक बार फिर सरकार को घेरने और दबाव बनाने की कोशिश में जुट गए हैं। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केन्द्र से तीनों नए कृषि कानून वापस लेने की एक बार फिर अपील की है, जिससे गणतंत्र दिवस पर किसान आन्दोलन के मद्देनजर कोई नई परम्परा न शुरू हो। वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर ट्रैक्टरों को पम्पों पर डीजल न दिए जाने के निर्देश देने का आरोप लगाया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को ट्वीट में कहा कि बसपा का केन्द्र सरकार से पुनः अनुरोध है कि इनको आन्दोलित किसानों की मांगों में से खासकर तीन कृषि कानूनों को जरूर वापस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ताकि कल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर किसी नई परम्परा की शुरुआत न हो तथा न ही दिल्ली पुलिस के संदेह के मुताबिक कोई गलत व अनहोनी हो सके। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों की गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड रोकने के लिए ट्रैक्टरों को पम्पों पर डीजल न दिए जाने के निर्देश की खबर मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा, किसान के खिलाफ निम्न कोटि का षड्यंत्र कर रही है। कहीं किसान ‘डीजल बंदी’ का जवाब, भाजपा के लोगों की ‘नाकाबंदी’ से देने लगे तो क्या होगा।
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इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान गणतंत्र दिवस परेड ऐतिहासिक होगी। सभी किसान साथी अपने दल के साथ घर से निकले और जो भी बाधा रास्ते में पड़े उसे पार करते हुए आगे बढ़े अगर किसी ने इसमें व्यवधान पैदा करने की कोशिश की तो उसका जिम्मेदार संबंधित जिला अधिकारी,एसएसपी और राज्य सरकारें होगी। दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों को ट्रैक्टर रैली निकालने की इजाजत दी है। किसान कहां से प्रवेश, निकासी और कहां तक ट्रैक्टर ला सकते हैं, इसका रूट पहले से ही तय कर दिया गया है। गणतंत्र दिवस परेड को लेकर सुरक्षा के मद्देनजर सभी सुरक्षा एजेंसियां बेहद अलर्ट हैं। परेड में पड़ोसी मुल्क द्वारा गड़बड़ी करने की कोशिश को लेकर भी इनपुट मिले हैं, जिसके मद्देनजर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।