लखनऊः उत्तरी पूर्वी हवाओं के चलने से जहां बीते सप्ताह लोगों को गलन से राहत मिली तो वहीं एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया। हिमालय में हो रही बर्फवारी और उत्तरी पश्चिमी हवाओं के चलने से उत्तर प्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में गलन बढ़ने लगी है। मौसम विभाग के मुताबिक ऐसी हवाओं से आगामी पांच दिनों तक उत्तर प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा, खासकर मकर संक्रान्ति तक गलन लोगों को परेशान करेगी। हालांकि दिन में धूप निकलेगी जिससे कुछ राहत मिल सकेगी और आसमान में हल्के बादल भी छाये रहने के आसार हैं।
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में इन दिनों भारी बर्फबारी हो रही है, जिसके चलते हिमस्खलन बढ़ता जा रहा है। बर्फबारी के बीच मैदानी इलाकों में तापमान भी लगातार नीचे गिरता जा रहा है, जिससे शीतलहर और सर्दी आफत बनी है। मौसम विभाग ने सर्दी और शीतलहर बढ़ने की आशंका जताई है, जबकि इस महीने देश के कई हिस्सों खासकर दक्षिण भारत में गरज के साथ अच्छी बारिश होने की संभावना है। वहीं जम्मू कश्मीर में श्रीनगर और घाटी के कुछ अन्य इलाकों में नये सिरे से बर्फबारी हुई, जिससे यहां हवाई अड्डे पर विमानों का परिचालन बाधित हुआ। जनवरी में देश के कई हिस्सों खासकर दक्षिण भारत में अच्छी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान में शीतलहर चलने की संभावना जतायी है, जबकि 14 से 28 जनवरी तक दक्षिण भारत में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।
यह भी पढ़ें-सेना प्रमुख ने दिए ‘टू फ्रंट वॉर’ के संकेत, बोले- सेना हटाने का माहौल नहीं
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने बताया कि उत्तर भारत में पहाड़ों से सर्द हवा आनी शुरु हो गई है, जिससे गलन बढ़ गई। बीते एक दिन में अधिकतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस गिरने से सर्दी में भी इजाफा हो गया है। आने वाले चार-पांच दिनों में कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है। कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, उन्नाव, फतेहपुर, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी, बरेली आदि शहरों में दिन और रात का तापमान गिरने लगा है। शाम होते ही सर्दी फिर से बढ़ जाती है। शीत लहर से बच्चों, बुजुर्गों और पालतू पशुओं को बचाओ की जरुरत है। पशुपालकों को अपने पशुओं की विशेष निगरानी करनी होगी। इसके साथ ही किसान भाई इस मौसम में शीतलहर और पाला से फसलों को बचाने के लिए बराबर निगरानी करते रहें और नमी के लिए हल्की सिंचाई करते रहें।