Saturday, December 28, 2024
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अब बांस के बने धनुष से नहीं, आधुनिक रिकर्व धनुष से लक्ष्य भेदेंगे झारखण्ड के धनुर्धर

रांचीः तीरंदाज कोमालिका, कृष्णा और आश्रिता खुश हैं। तीनों ने रिकर्व धनुष की बुकिंग करा ली है। जल्द चाईबासा के ये धनुर्धर रिकर्व धनुष से लक्ष्य पर निशाना साधते नजर आयेंगे। कल तक इन लोगों के लिए रिकर्व धनुष हाथ में थामने का सपना था, आज वह हकीकत में बदलने वाला है। राज्य सरकार ने इन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानक के रिकर्व धनुष के प्रोत्साहन देने का ऐलान किया है।

आश्रिता ने बताया कि बांस से बने धनुष से सिर्फ भारत में ही निशाना लगाया जा सकता। लेकिन रिकर्व धनुष मिलने से उसे विदेशों में भी खेलने का मौका मिले सकेगा। वह इस खुशी को बयां नहीं कर सकती। राज्य सरकार के इस प्रोत्साहन के लिये धन्यवाद। मैं अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर झारखण्ड को गर्वित करने का प्रयास करूंगी। कृष्णा को भी नये धनुष का इंतजार है। वह कहता है कि समय पर सरकार की मदद मिलने से ओलंपिक में भाग लेने का सपना पूरा होगा। अब वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकेगा।

कौन हैं कोमालिका, आश्रिता और कृष्णा

चाईबासा निवासी कोमालिका बारी, आश्रिता बिरुली और कृष्णा पिंगुआ तीरंदाज हैं। तीनों बेहद गरीब परिवार के बच्चे हैं। लेकिन धनुष-बाण से लक्ष्य भेदने में माहिर। कोमालिका राज्य की उभरती हुई अंतर्राष्ट्रीय तीरंदाज है, जिसने स्वीडन में आयोजित वर्ल्ड यूथ आर्चरी चैंपियनशिप, 2018 में स्वर्ण पदक प्राप्त कर देश का मान बढ़ाया। आगामी ओलिंपिक के लिये भी कोमालिका का चयन हुआ है और वह इनदिनों पुणे में ओलिंपिक कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। आश्रिता ने 2019 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी आर्चरी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। कृष्णा ने खेलो इंडिया आर्चरी चैंपियनशिप 2017 में रजत एवं 64वीं राष्ट्रीय विद्यालय तीरंदाजी प्रतियोगिता, 2019 में स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुका है। लेकिन रिकर्व धनुष नहीं होने के कारण तीनों बेहतर ढंग से अभ्यास नहीं कर पा रहे थे।

ऐसे पूरा हुआ सपना

गरीबी की वजह से सभी तीरंदाज नया धनुष खरीद पाने में असमर्थ थे। लेकिन राज्य सरकार इनकी प्रतिभा से अवगत थी। इनकी प्रतिभा एवं राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक प्राप्ति की संभावनाओं को देखा गया। इन युवा तीरंदाजों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने खिलाड़ी कल्याण कोष के तहत रिकर्व धनुष खरीदने के लिये कोमालिका को दो लाख 70 हजार एवं कृष्णा व आश्रिता को क्रमशः दो लाख 50 हजार की राशि प्रदान की गई है।

इन्हें भी मिली सरकार की ओर से मदद

उपरोक्त तीरंदाजों के अतिरिक्त तीरंदाज जगरनाथ गागराई, गुनाराम पूर्ति को रिकर्व धनुष के लिए दो लाख 50 हजार रुपये, राष्ट्रीय स्तर की कराटे खिलाड़ी विमला मुंडा की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए एक लाख रुपये की आर्थिक मदद एवं लकवाग्रस्त हॉकी प्रशिक्षिका प्रतिमा बरवा को एक लाख 50 हजार की आर्थिक सहायता खिलाड़ी कल्याण कोष से प्रदान की गई।

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खिलाड़ी कल्याण कोष खेल छात्रवृत्ति सम्मान राशि के तहत 260 खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार राशि के रूप में 69.70 लाख एवं 256 खिलाड़ियों को खेल छात्रवृत्ति के रूप में 85.72 लाख की राशि दी गई। महिला फुटबॉल विश्व कप के लिए चयनित 35 खिलाड़ियों का “नेशनल कैंप” झारखण्ड में होने वाला है। अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्व कप के लिए चयनित झारखण्ड की आठ खिलाड़ियों को बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम मोरहाबादी में प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

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