धोखाधड़ी मामले में 8 सैन्य अधिकारी दोषी करार, 3 साल सश्रम कारावास की सजा

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नई दिल्ली: लखनऊ में एक विशेष सीबीआई न्यायाधीश ने स्थानीय खरीद के नाम पर सेना और वायु सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा 3.82 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के 38 साल पुराने मामले में एक पूर्व सेना मेजर, एक पूर्व लेफ्टिनेंट कर्नल (कमांडर वर्क्स इंजीनियर) और सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं के एक गैरीसन इंजीनियर सहित आठ आरोपियों को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

आरोपी अधिकारियों ने नवंबर 1983 से नवंबर 1985 के बीच 3.82 करोड़ रुपये की स्थानीय खरीदारी की थी। विशेष न्यायाधीश सत्यपाल शर्मा (लेफ्टिनेंट कर्नल); वाई.के. उप्पई (तत्कालीन गैरीसन इंजीनियर); केएस सैनी (लेफ्टिनेंट कर्नल) तत्कालीन गैरीसन इंजीनियर (पश्चिम); वीरेंद्र कुमार जैन, तत्कालीन गैरीसन इंजीनियर (पूर्व); एसएस ठक्कर, तत्कालीन गैरीसन इंजीनियर (वायु सेना), बमरौली; वहीं फर्मों के मालिक अशोक कुमार देवड़ा,  पवन कुमार देवड़ा, अनिल कुमार देवड़ा, को सजा सुनाई गई।

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नवंबर-1983 और नवंबर 1985 के बीच की अवधि के दौरान निर्धारित दिशानिर्देशों के उल्लंघन में 3.82 करोड़ रुपये की स्थानीय खरीद के आरोप में लेफ्टिनेंट कर्नल एसपी शर्मा, तत्कालीन कमांडर वर्क्स इंजीनियर (सीडब्ल्यूई), मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस), इलाहाबाद और सीडब्ल्यूई, इलाहाबाद के तहत काम करने वाले अन्य अधिकारियों और विभिन्न फर्जी निजी फर्मों के भागीदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। ट्रायल कोर्ट ने उक्त आरोपी को दोषी करार दिया।

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