‘सेवा ही सबसे बड़ा परमार्थ’ को चरितार्थ कर रहे हैं 70 वर्षीय ‘बाबूलाल सैनी’

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अलवरः शहर के कंपनी गार्डन में पक्षी प्यासे न रहें इसलिए 5 साल से कुंडियों (मिट्टी के बर्तन) में रोजाना एक 70 वर्षीय बुजुर्ग पानी भरता है। उनका कहना हैं कि सेवा ही सबसे बड़ा परमार्थ है। शहर के नया बास स्थित बीज गोदाम निवासी 70 वर्षीय बाबूलाल सैनी ने बताया कि वह मकान बनाने का कार्य करता थे। जैसे-जैसे उम्र ढलती गई वैसे-वैसे काम करने की क्षमता कम होती गई। इसके बाद वह घर में ही रहने लगे। घर में समय पास नहीं होता था। जिस कारण वह रोजाना 5 साल से सुबह कंपनी बाग घूमने के लिए आ जाते है।

उन्होंने बताया कि वह कंपनी बाग के 3 किलोमीटर एरिये में रखी करीब 70 पानी की कुंडियो में पक्षियों के लिए पानी भरते हैं। इस काम के लिए वह दो छोटी बाल्टी का उपयोग करते हैं। फिर गार्डन में लगे नलों से पानी भरकर फिर एक-एक करके सभी कुंडियों को भरते है। जिससे कभी भी गार्डन में घूमने वाली चिड़िया, तोता, कबूतर, गिलहरी व अन्य पक्षी प्यासे न रहें। बाबूलाल सैनी का कहना है कि सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। वह रोजाना सुबह करीब 10 बजे खाना खाकर घर से निकलते हैं और शाम करीब 4 बजे तक कंपनी बाग में रहकर सभी कुंडियों में पानी भरतें हैं। सैनी पानी भरने के साथ-साथ कुंडियों की रोजाना साफ-सफाई भी करते हैं।

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उन्होंने बताया कि स्वच्छ पानी होगा तो पक्षी कभी बीमार नहीं होंगे। इसलिए वह रोजाना सभी कुंडियों की सफाई करके फिर उन में पानी भरते हैं। कुंडलियों में जमी काई को हटा का अच्छे से सफाई करने के बाद ही पानी भरते हैं। जिससे उनमें पानी पीने वाले पक्षी हमेशा स्वस्थ रहते है। बाबूलाल सैनी यही नहीं रुकते वह कंपनी गार्डन में लगे छोटे- छोटे पौधे जो बिना देखभाल के पनप नहीं पाते। ऐसे में वह उनकी देखभाल करते हैं। रोजाना उन पौधों को पानी देते हैं। साथ ही कंपनी गार्डन में स्थित चुग्गा स्थल की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं। चुग्गा स्थल से खराब चुग्गा को वहां से हटाने का कार्य भी करते हैं। उनका कहना है कि खराब चुग्गे से पक्षी बीमार हो सके है इसलिए चुग्गा स्थल की भी सफाई सप्ताह में एक बार की जाती है।