69000 शिक्षक भर्ती: दर-दर भटक रहे अभ्यर्थियों का आंदोलन हुआ तेज, लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन

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Lucknow shikshak bharti protest- लखनऊः उत्तर प्रदेश में एक बार फिर 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का सब्र का बांध टूट गया। अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन किया है। इस दौरान अभ्यर्थियों और सरकारी तंत्र के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली। इस प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। अभ्यर्थी योगी सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग कर रहें हैं। फिलहाल पुलिस ने प्रदर्शनकारी कई अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है।

लंबे समय से चल रहा शिक्षक भर्ती पर विवाद

बता दें कि यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षक भर्ती को लेकर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच शुक्रवार सुबह 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने लखनऊ पहुंचे। अचानक बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने से मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। अभ्यर्थियों ने चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन किया। लेकिन इस प्रदर्शन की लखनऊ पुलिस को भनक तक नहीं लगी। हालांकि बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और अभ्यर्थियों को हिरासत में लेकर दूसरी जगह ले गयी।

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पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच हुई तीखी झड़प

इस प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों में भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। प्रदर्शनकारी हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन करते रहे थे। जिसमें ये लिखा.. कोर्ट के आदेश का सम्मान करें। योगी जी न्याय दो… सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करों। दरअसल प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी योगी सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करने की मांग कर रहें हैं। प्रदर्शनकारी कट ऑफ लिस्ट में एक नंबर कम कर अभ्यर्थियों को शामिल करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दे रहे हैं।

सैंकड़ों अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री के आवास का किया घेराव

इससे पहले कल भी शिक्षक भर्ती से जुड़े अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया था। कल 12 अक्टूबर की दोपहर सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग की। उन्होंने नौकरी देने की मांग के साथ-साथ अपनी आवाज भी बुलंद की। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे पिछले दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आए एक साल हो गया। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है। अब पुलिस बल का प्रयोग किया जा रहा है। हमें भगाया जा रहा है।

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