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तीन साल से 6 लाख 61 हजार परिवारों को आयुष्मान कार्ड का इंतजार, ये था लक्ष्य

गोपालगंजः किसी गरीब की इलाज के अभाव में मौत न इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया था। योजना के तहत वर्ष 2011 में हुई आर्थिक, सामाजिक जनगणना के आधार पर जिले के 8 लाख 37 हजार 513 गरीब परिवारों को आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। कार्ड से परिवार के सदस्यों का पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करने की व्यवस्था है, लेकिन जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से ये योजना जिले में फ्लाप नजर आ रही है। तीन वर्ष बीतने के बाद 6 लाख 61 हजार परिवारों को अायुष्मान कार्ड नहीं बनाए जा सके हैं। इससे उन्हें इलाज कराने में परेशानी हो रही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2018 को आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ किया था। इसके तहत वर्ष 2011 में हुई आर्थिक, सामाजिक जनगणना के आधार पर जिले के 8 लाख 37 हजार 513 गरीब गरीब परिवारों को आयुष्मान कार्ड जारी करने के लिए शासन ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को निर्देश भी दिया था, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से इस योजना को पलीता लगा रहा है। तीन वर्ष से अधिक का समय बीतने के बाद भी जिले के महज 1 लाख 76 हजार 011 गरीब परिवारों को 31 मार्च 22 तक कार्ड मिल पाया है।भारी संख्या में र्का नहीं बनाए जाने के कारण कार्ड के अभाव में गंभीर रोग से पीड़ित अपना इलाज नहीं करा पा रहा है।

गरीबों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि पात्रता सूची में जिन लोगों के नाम शामिल हैं और वह इलाज कराने के लिए अस्पताल में पहुंचे तो चिकित्सक पहले उन्हें भर्ती कर इलाज शुरू करेंगे। इसके बाद आयुष्मान कार्ड खुद जारी करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। अधिकांश लाेगों का कहना है कि इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल में जाने के बाद डाक्टरों ने इलाज तो करते है। लेकिन आयुष्मान कार्ड जारी करने के लिए लगाए गए सिस्टम में तकनीकी खराबी रहने का बहाना बनाकर कार्ड नहीं बनाते।जिससे कार्ड न होने से सही तरीके से इलाज नहीं हो पा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत जनगणना सूची से नाम तलाशने में आ रही है। 2011 की जनगणना सूची पुराने वार्ड के हिसाब से बनी है। अब वार्डों की संख्या बदल गई है। ऐसे में नाम ढूंढकर निकालना चुनौतीपूर्ण है। सदर अस्पताल की बात करें तो किसी दिन आठ तो किसी दिन 10 आयुष्मान कार्ड ही बन पा रहे हैं। वह भी लाभूक अगर कार्ड बनवाने के लिए आ रहे तो उसने राशन कार्ड और प्रधानमंत्री कार्यालय से आए पत्र मांगी जा रही है। सीएचसी व पीएचसी पर कार्ड बन नहीं पा रहा है।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार की माने तो जिले में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के पात्र लाभार्थियों का शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लक्ष्य रखा गया है। इस योजना अंतर्गत लाभार्थी पूरे देश के किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकते है। जिले में कुल चिन्हित लाभार्थियों की संख्या 8 लाख 37 हजार 513 हैं। जिसमें अभी तक 1 लाख 76 हजार 011 लाभुक का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है। आयुष्मान कार्ड व्यक्तिगत है अर्थात परिवार के प्रत्येक सदस्य को अपना आयुष्मान कार्ड बनवाना है। उन्होंने बताया कि जब यह योजना की शुरूआत की गई तो उसी समय कोरोना महामारी का प्रकोप आ गया। जिसके कारण कार्ड बनाने में परेशानी आई। जिसके कारण अभी तक लक्ष्य के अनुरूप कार्ड बन पाया है। वैसे जनका भी नाम सूची में है वे अपने नजदीक के पंचायत पर जाकर बनवा सकते है।

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