चेन्नईः रणजी ट्रॉफी के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण गुरुवार को तब आया जब रेलवे और जम्मू-कश्मीर टूर्नामेंट का 5000 वां मैच खेलने के लिए मैदान में उतरे। रेलवे और जम्मू-कश्मीर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी केमप्लास्ट ग्राउंड, चेन्नई में एलीट ग्रुप सी एनकाउंटर में आमने-सामने हैं। रणजी ट्रॉफी दो साल के अंतराल के बाद लौटी और टूर्नामेंट इस साल 17 फरवरी को शुरू हुआ। यह इस साल जनवरी में शुरू होने वाला था, लेकिन बढ़ते कोविड-19 मामलों के कारण इसे स्थगित करना पड़ा।
ये भी पढ़ें..रूस-यूक्रेन जंग ने कच्चे तेल की कीमतों में लगाई आग, चुनाव के बाद बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल के दाम !
4 नवंबर 1934 को खेला गया था रणजी का पहला मैच
बता दें कि रणजी ट्रॉफी भारत में क्षेत्रीय और राज्य क्रिकेट संघों का प्रतिनिधित्व करने वाली कई टीमों के बीच खेला जाने वाला एक घरेलू प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट है। प्रतियोगिता का नाम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर रंजीत सिंह जी के नाम पर रखा गया है, जिन्हें ‘रणजी’ के नाम से भी जाना जाता है। जुलाई 1934 में रणजी ट्रॉफी शुरू की गई थी और मैचों का पहला सेट 1934-35 में हुआ था। प्रतियोगिता का पहला मैच 4 नवंबर, 1934 को मद्रास और मैसूर के बीच मद्रास के चेपॉक मैदान में आयोजित किया गया था। टूर्नामेंट के इतिहास में, मुंबई ने इसे सबसे अधिक 41 बार जीता है, जिसमें 1958-59 से 1972-73 तक 15 बैक-टू-बैक जीत शामिल है।
गौरतलब है कि रणजी ट्रॉफी भारत का सबसे पॉपुलर घरेलु क्रिकेट टूर्नामेंट है। रणजी भारत की नेशनल टीम में एंट्री की राह में सबसे अहम मुकाम। इंडियन टीम में कितने ही खिलाड़ी बारास्ता रणजी ट्रॉफी पहुंचे हैं। हर साल बिना नागा ये टूर्नामेंट आयोजित किया जाता है। आइए जानते है रणजी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें..
- रणजी की पहली सेंचुरी हैदराबाद के खिलाड़ी एस. एम. हादी के नाम है। उन्होंने पहले ही सीज़न में मुंबई के खिलाफ़ सिकंदराबाद में 132 रन बनाए थे।
- रणजी की पहली गेंद मद्रास के एम. जे. गोपालन ने मैसूर के एन. कर्टिस को फेंकी थी।
- रणजी ट्रॉफी का शुरूआती नाम ‘क्रिकेट चैंपियनशिप ऑफ़ इंडिया’ हुआ करता था। बाद में इसका नाम महाराजा रणजीत सिंह के नाम पर रख दिया गया जो भारत की नवानगर रियासत के राजा थे। हालांकि रणजीत सिंह ने इंडिया के लिए कभी क्रिकेट ही नहीं खेला। उनकी मौत रणजी ट्रॉफी शुरू होने से एक साल पहले ही हो गई थी।
- रणजी ट्रॉफी के 88 साल के इतिहास में मुंबई सबसे ज़्यादा कामयाब टीम रही है। मुंबई ने कुल 41 बार ट्रॉफी जीती है। एक दौर तो ऐसा था कि मुंबई को हराना लगभग नामुमकिन था। 1958 से 1973 तक उन्होंने लगातार 15 बार ट्रॉफी पर कब्ज़ा किया।
- रणजी ट्रॉफी खेलने वाली ज़्यादातर टीमें भारत की राज्य टीमें हैं।
- आज़ादी से पहले रणजी ट्रॉफी खेलने वाली टीमें ज़्यादातर रियासतें हुआ करती थी।
- रेलवेज़ और सर्विसेज़ (आर्मी) की टीमें भी रणजी में खेलती हैं।
- रणजी में सबसे ज़्यादा रन वसीम जाफर के नाम हैं। उन्होंने 10,000 से ज़्यादा रन बनाए हैं।
- रणजी में सबसे ज्यादा 40 शतक का भी रिकॉर्ड जाफर के ही नाम है।
- सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर की बात करें तो यह रिकॉर्ड बी.बी निम्बालकर के नाम दर्ज है, जो 443 रन नबाद बनाए थे।
- रणजी में सबसे ज्यादा तीहरे शतक बनाने का रिकॉर्ड रविद्र जडेजा के नाम दर्ज है। जडेजा ने तीन तीहरे शतक बनाए है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)