Pakistan: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हुए विस्फोट में पांच स्कूली छात्रों समेत 7 लोगों की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मस्तंग के सिविल अस्पताल चौक पर गर्ल्स हाई स्कूल के पास कथित तौर पर पुलिस वाहन को निशाना बनाकर किए गए विस्फोट में पांच बच्चे, एक पुलिसकर्मी और एक राहगीर की मौत हो गई।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में पांच लोगों के मरने की खबर थी। बाद में, अस्पताल में इलाज के दौरान दो घायलों ने दम तोड़ दिया। डीएचक्यू के चिकित्सा अधीक्षक निसार अहमद बलूच ने कहा कि मस्तंग के डीएचक्यू और नवाब अस्पताल में फिलहाल 30 घायलों का इलाज चल रहा है, जिनमें से ज्यादातर स्कूली बच्चे हैं।
Pakistan: 10 से 13 साल के मासूम बच्चें
सब-डिविजनल पुलिस ऑफिसर (एसडीपीओ) मियांदाद उमरानी ने कहा कि मोटरसाइकिल में रिमोट कंट्रोल वाला विस्फोटक उपकरण लगाया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतक स्कूली छात्रों – जिनमें लड़के और लड़कियां शामिल हैं – की उम्र 10 से 13 साल के बीच है। घायलों में चार पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। मस्तंग के डिप्टी कमिश्नर मीर बाज खान मर्री ने कहा कि दोनों अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है। इस बीच, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने विस्फोट की निंदा की और जान-माल के नुकसान पर दुख जताया। उन्होंने शहीद पुलिसकर्मी और स्कूली बच्चों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
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सीएम बुगती ने खूनी का बदला लेने की खाई कसम
बच्चों समेत निर्दोष नागरिकों के खून का बदला लेने की कसम खाते हुए बुगती ने कहा, “आतंकवादियों ने अब मजदूरों के साथ-साथ मासूम बच्चों को भी निशाना बनाया है।” उन्होंने कहा कि नागरिक आबादी के बीच स्थानीय लोगों को भी आतंकियों पर नजर रखनी होगी। आतंकवाद के राक्षस से एकजुट होकर ही लड़ा जा सकता है। पाकिस्तान में कानून-व्यवस्था की स्थिति, खासकर दो अशांत प्रांतों – बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में आतंकवादी गतिविधियों से प्रभावित हुई है। आतंकवादी हमलों में कई निर्दोष नागरिक और पुलिस और सेना के जवानों समेत सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, केपी के साथ-साथ बलूचिस्तान भी आतंकवादी गतिविधियों के लिए संवेदनशील बना हुआ है। सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में, इस वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में हुई कुल 722 मौतों में से 97% मौतें इन दोनों प्रांतों में हुई हैं।
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