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Haldwani Violence में अब तक 4 की मौत, पूरे इलाके में कर्फ्यू और इंटरनेट निलंबित

Haldwani Violence: नैनीताल जिले के हल्द्वानी में गुरुवार को हुई बनभूलपुरा हिंसा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है जबकि तीन की हालत अत्यंत गंभीर है। उपद्रवियों से निपटने के लिए धामी सरकार सख्ती बरत रही है। राज्य सरकार ने साफ कर दिया कि बनभूलपुरा में हिंसा करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। शहर के उपद्रवग्रस्त इलाके में कर्फ्यू जारी है और इंटरनेट सेवा भी निलंबित कर दी गई हैं। उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने बताया कि, बनभूलपुरा हिंसा में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा में घायल तीन लोगों की स्थिति अत्यंत गंभीर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी में अपने सरकारी आवास पर स्थिति पर उच्च अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। इस बीच ड्रोन से पूरे वनभूलपुरा क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। पुलिस मुख्य साजिशकर्ता को तलाश कर रही है। इस मामले में अब तक तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए पूरे शहर में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी है। मुख्यमंत्री धामी ने अपने आवास पर हुई बैठक में निर्देश दिए हैं कि अवैध निर्माण हटाने के दौरान अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमला करने और अशांति फैलाने वाले अराजक तत्वों के विरुद्ध तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने शान्ति व कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एडीजी (कानून और व्यवस्था) एपी अंशुमान को प्रभावित क्षेत्र में कैंप करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि, आगजनी और पथराव करने वाले एक-एक उपद्रवी की पहचान कर कार्रवाई की जाए। बैठक में विशेष प्रमुख सचिव/एडीजी अमित सिन्हा, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव जेसी कांडपाल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। नैनीताल ब्यूरो के अनुसार, आज सुबह जिलाधिकारी वंदना सिंह ने पत्रकारों से कहा कि, बिना उकसावे की कार्रवाई पर अधिकारियों को थाने में जिंदा जलाने की कोशिश की गई। फिलहाल हल्द्वानी में स्थिति नियंत्रण में हैं। डीएम वंदना ने कहा कि, शहर में 1100 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। उपद्रवग्रस्त इलाके में कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि, हमला एक तरह से कानून व्यवस्था को चुनौती देते हुए किया गया है। ढाई घंटे के भीतर स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया। इस मामले में चार उपद्रवी पुलिस हिरासत में हैं। डीएम ने बताया कि, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान कई दुकानें भी हटाई गईं। प्रशासन की कार्रवाई में किसी का घर नहीं टूटा और न ही कोई बेघर हुआ। डीएम ने साफ किया कि, वहां कोई धार्मिक स्थल नहीं था। नजूल भूमि पर अतिक्रमण था। भीड़ प्रशासनिक मशीनरी पर हमला करने पर आमादा थी और उन पर यह हमला सुनियोजित था। पटना में इनकम टैक्स का छापा, उर्मिला इंटरनेशनल के ठिकानों से मिले 35 लाख कैश उन्होंने बताया कि, कार्रवाई के दौरान आधे घंटे के भीतर ही नगर निगम की टीम पर पथराव किया गया। उन्हें शांत किया तो दूसरी भीड़ ने पेट्रोल बमों से हमला कर दिया। इसके बाद भीड़ ने थाने को निशाना बनाया और वाहन फूंक डाले। उन्होंने कहा कि, हमलावरों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की गई। आत्मरक्षार्थ गोली चलाने के आदेश दिए गए। यहां से भीड़ को हटाया गया तो दंगाई गांधीनगर पहुंच गए, वहां सभी धर्मों के लोग रहते हैं। स्थिति संभालने के लिए पीएसी व अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया। पत्रकारों से बातचीत में एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि, 15-20 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। इनसे क्षति की वसूली की जाएगी। अगले तीन घंटों में कार्रवाई शुरू हो जाएगी। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)