अचानक भरभराकर धंसा कुंआ, बछड़े को बचाने उतरे तीन लोगों की दबकर मौत

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Jharkhand: रांची: झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची के सिल्ली के पिस्का गांव में एक कच्चे कुएं ने कुछ परिवारों में हंगामा मचा दिया। गुरुवार शाम इस कुएं में गिरे गाय के बछड़े को बचाने के लिए उतरे छह ग्रामीणों को सपने में भी अंदाजा नहीं था कि वे कभी ऊपर नहीं आएंगे। अचानक कुआं भर गया और सभी लोग मलबे में दब गये। एनडीआरएफ ने पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। ऑपरेशन को 17 घंटे पूरे हो चुके। तीन लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि उनके बचने की संभावना कम है।

मौके पर पूर्व उपमुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक सुदेश कुमार महतो समेत सिल्ली के डीएसपी, बीडीओ और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं। एनडीआरएफ के जवानों ने सबसे पहले मंटू मांझी (52) को गंभीर हालत में बाहर निकाला। उन्हें तुरंत अस्पताल भेजा गया। वहां उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके बाद विष्णु चरण मांझी (45) को बाहर निकाला गया। लेकिन, उसकी सांसें थम चुकी थीं। एक अन्य व्यक्ति का शव बाहर निकाला गया। लेकिन, उसकी पहचान नहीं हो सकी। एनडीआरएफ की टीम पोकलेन और जेसीबी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है।

विधायक ने लगाए आरोप

आजसू सुप्रीमो और सिल्ली विधायक सुदेश महतो ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार के पास ऐसी आपात स्थिति से निपटने की कोई रणनीति नहीं है. एनडीआरएफ कमांडर ने कहा है कि कुआं पत्थरों से पट गया है। यह करीब 40 फीट गहरा है, इसलिए अभियान में परेशानी हो रही है।

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कुएं में उतरे थे सात लोग

ग्रामीणों का कहना है कि दोपहर में आनंद मांझी का बछड़ा घोलटू मांझी के कुएं में गिर गया था। गांव के 6 लोग भागीरथ मांझी, मंटू मांझी, विष्णु चरण मांझी, रमेशचंद्र मांझी, गुरुपद मांझी और टेम्पू मांझी उसे बचाने के लिए कुएं में उतरे। ऊपर सुरेंद्र दास खड़े थे। वह उन लोगों की मदद कर रहा था। इस दौरान कुएं की ऊपरी सतह की मिट्टी धंसने लगी और किनारे रखा पत्थर का पटिया भी धंस गया। सुरेंद्र दास भी मलबे की चपेट में आ गए लेकिन उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया।

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