तारीख पर तारीख का जमाना गया…राज्‍यसभा में 3 नए क्रिमिनल लॉ बिल पास, जानें अमित शाह ने क्या कुछ बोले ?

5

New Criminal Law Bill, नई दिल्लीः भारत की कानून और न्याय प्रणाली में सुधार के लिए बनाए गए तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल राज्यसभा में पारित हो गए हैं। जल्द ही आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम अतीत की बात हो जाएंगे। इनकी जगह अब तीन आपराधिक विधेयकों भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता-2023, भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक-2023 और भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता-2023 द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। हालांकि, इसके लिए अभी भी कई औपचारिकताएं बाकी हैं।

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये बिल बन जाएंगे कानून

बता दें कि अगर नया कानून बनने पर धारा 375 और 376 की जगह रेप की धारा 63 होगी। सामूहिक बलात्कार के लिए धारा 70 और हत्या के लिए धारा 302 की जगह धारा 101 होगी। ये तीनों बिल लोकसभा से पहले ही पारित हो चुके हैं। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये बिल कानून बन जाएंगे। वहीं बिल पास होने के बाद राज्यसभा को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बिल पर बोलते हुए कहा कि नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से तारीख पे तारीख का युग का अंत सुनिश्चित होगा और तीन साल के भीतर न्याय मिलेगा। दरअसल अमित शाह ने सदन में कहा कि हमने कहा था कि हम आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति लाएंगे। नए आपराधिक कानूनों के जरिए देश के खिलाफ काम करने वालों को कड़ी सजा दी जाएगी।

ये भी पढ़ें..BJP का मिशन 2024: PM मोदी की अगुवाई में उच्च स्तरीय बैठक, लोकसभा चुनाव की रणनीति पर होगा मंथन

न्याय प्रणाली में एक नए युग की होगी शुरुआत

नए आपराधिक कानून लागू होते ही एफआईआर (एफआईआर दाखिल करने) से लेकर फैसले तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। अब तक लागू किए गए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लोगों को दंडित करना था, मुझे गर्व है कि हम भारतीय संसद ने आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए कानून बनाए हैं। नए आपराधिक कानून आपराधिक न्याय प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत करेंगे।

सरकार ने नये आपराधिक कानूनों (New Criminal Law Bill) पर स्थायी समिति के सदस्यों के 72 फीसदी सुझाव स्वीकार कर लिये हैं। लोकसभा ने एक दिन पहले ही तीन आपराधिक कानूनों को पारित किया है। मानसून सत्र के दौरान गृह मंत्री ने तीनों नए कानूनों का बिल संसद में पेश किया था। यह भी कहा गया कि विधेयकों को संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा जा रहा है। वहां इन विधेयकों पर चर्चा होगी और सदस्यों के सुझाव के मुताबिक इसमें जरूरी बदलाव किये जायेंगे।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)