मध्य प्रदेश में भाजपा में नई पीढ़ी की दस्तक के 2 साल

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भोपाल: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए दो साल संगठनात्मक तौर पर मजबूती के साल रहे है। इस दौरान जहां भाजपा की सत्ता में वापसी हुई तो वहीं जमीनी तौर पर संगठन मजबूत किए जाने के साथ नए चेहरों को महत्व मिला हैं। भाजपा ने वर्ष 2020 में आज ही के दिन राज्य के मुखिया में बदलाव किया था और राकेश सिंह के स्थान पर विष्णु दत्त शर्मा को पार्टी की कमान सौंपी थी, जब शर्मा ने पार्टी की कमान संभाली तब उनके सामने बड़ी चुनौतियां थी, ऐसा इसलिए क्योंकि जब वे अध्यक्ष बने थे तब पार्टी विपक्ष में थी।

शर्मा के पार्टी अध्यक्ष बनने के लगभग एक माह बाद भाजपा के हाथ में एक बार फिर सत्ता की कमान आ गई और उसके बाद से ही उन्हें पार्टी का शुभंकर माना जाने लगा। वक्त गुजरने के साथ शर्मा ने पार्टी के स्वरूप को बदलने की कवायद तेज कर दी, इसके लिए उन्होंने उन नेताओं और मठाधीशों की परवाह नहीं की जो उनके फैसलों का विरोध कर सकते थे। यही कारण रहा कि लगभग 35 जिला अध्यक्ष ऐसे युवाओं को बनाया गया है जो पूर्व में किसी बड़े पद पर नहीं थे और उन पर किसी बड़े नेता की सरपरस्ती भी नहीं है।

पार्टी ने शर्मा के अध्यक्ष बनने के बाद सत्ता में वापसी तो की ही, साथ में विधानसभा के उप-चुनाव में बड़ी जीत हासिल की। परिणामस्वरुप भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया और बगैर किसी दवाब के सरकार चल रही है।

भाजपा की वरिष्ठ नेता भी इस बात को मानते हैं कि वर्तमान दौर में संगठन की सक्रियता और उसके फैसले पार्टी को मजबूत करने वाले हैं, हां यह बात जरूर है कि कई वरिष्ठ नेताओं में असंतोष इस बात को लेकर पनप रहा है कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जा रही और उनके करीबियों को संगठन में समायोजित नहीं किया जा रहा है।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर शर्मा के दो वर्षीय कार्यकाल को देखें तो इस दौरान देश और प्रदेश को कोरोना महामारी से जूझना पड़ा है, परिणाम स्वरूप संगठनात्मक गतिविधियां संचालित करना आसान नहीं था तो उन्होंने ऑनलाइन को महत्व दिया। कोरोना काल में पार्टी कार्यकतार्ओं ने जहां प्रवासी मजदूरों के भोजन, परिवहन से लेकर उनके नंगे पैरों में चप्पल पहनाने का काम किया तो वही बूथ स्तर पर लोगों की मदद की कोशिश की।

भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेता इस बात को मानते हैं कि बीते दो सालों में पार्टी में लगातार नवाचारों का प्रयोग होता रहा है। उदाहरण के तौर पर सक्षम बूथ स्वाबलंबी मंडल ने पार्टी को नई दिशा दी है और इसे राष्टीय स्तर पर अपनाया गया। इतना ही नहीं निचले स्तर के कार्यकर्ता को भी महत्व दिया जा रहा है, यह बात इस तरह समझी जा सकती है कि आजीवन निधि के कार्यक्रम में प्रदेशाध्यक्ष के मौजूद रहते हुए बूथ अध्यक्ष को कार्यक्रम की अध्यक्षता की जिम्मेदारी सौंपी गई।

पार्टी की राज्य इकाई ने बूथ विस्तारक अभियान के जरिए जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की मुहिम चलाई और 65 हजार बूथ तक पार्टी ने लोगों को जोड़ने का काम किया।

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा कहते हैं विष्णु दत्त शर्मा का आगमन प्रदेश अध्यक्ष के रूप में 15 फरवरी 20 को हुआ, उनके शुभंकर नेतृत्व में भाजपा सरकार की मांगलिक पुनर्स्थापना हुई, कोरोना सेवा काल, उपचुनाव में निर्णायक विजय, 65 हजार बूथों तक शक्तिशाली भाजपा, सक्षम बूथ स्वाबलंबी मंडल सहित अनेकों उपलब्धि पूर्ण रहे दो वर्ष।

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भाजपा के एक पदाधिकारी का कहना है कि पार्टी का बूथ विस्तारक अभियान उस दौर में चला जब मध्य प्रदेश में दशकों बाद सबसे ज्यादा शीतलहर का असर रहा, इसके बावजूद पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष से लेकर कार्यकतार्ओं ने गली-गली, मोहल्ला-मोहल्ला घूम कर लोगों से संपर्क और संवाद किया। प्रदेशाध्यक्ष तो इन 10 दिनों में सड़क मार्ग से प्रदेश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचे और उन्होंने चार हजार किलोमीटर से ज्यादा की सड़क यात्रा की। वे मोटर गाड़ी से लेकर बैलगाड़ी तक की सवारी करते नजर आए।

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