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Fake Doctor case: पकड़े गए 14 फर्जी डॉक्टर, 20 साल से चल रहा था खेल, मास्टरमाइंड भी अरेस्ट

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अहमदाबादः पुलिस ने गुरुवार को डॉ. रशेष गुजराती समेत 14 फर्जी डॉक्टरों (Fake Doctor) को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने डॉ. रशेष के ठिकानों से बड़ी संख्या में सर्टिफिकेट और उनका डेटा बरामद किया है। इस डेटा के मुताबिक डॉ. रशेष ने अब तक 1200 लोगों को फर्जी मेडिकल डिग्रियां जारी की हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि फर्जी डिग्रियां जारी करने का मास्टरमाइंड रशेष गुजराती सूरत कांग्रेस के डॉक्टर सेल का अध्यक्ष भी रह चुका है।

Fake Doctor case: मास्टरमाइंड सहित 14 फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार

पुलिस ने रशेष के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और गहन जांच कर रही है। सूरत की पांडेसरा पुलिस ने अपने इलाके में फर्जी डॉक्टरों के क्लीनिकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। फर्जी डिग्रियों पर मेडिकल प्रैक्टिस करने की शिकायतों के आधार पर पुलिस ने फर्जी एमबीबीएस केस बनाने के मास्टरमाइंड रशेष समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी रशेष ‘बोर्ड ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन’ (बीईएचएम) की ओर से डिग्रियां दे रहा था प्रदेश प्रवक्ता हेमांग वासवड़ा ने वर्ष २०१९ में रशेष गुजराती को सूरत डॉक्टर सेल का अध्यक्ष नियुक्त किया था। रशेष गुजराती की गिरफ्तारी के बाद अब डॉक्टर सेल के अध्यक्ष पद के लिए उसका नियुक्ति पत्र वायरल हो रहा है।

Fake Doctor case: पूछताछ में कबूल किए कई मामले

फर्जी डॉक्टर बनाने के आरोपों से घिरे डॉ. रशेष गुजराती की करतूत जानकर पुलिस भी हैरान है। डॉ. रशेष के खिलाफ अब तक थाने में तीन मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें सबसे गंभीर मामला नाबालिग का गर्भपात कराने का है। इस मामले में डॉ. रशेष पहले भी जेल जा चुका है। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में रशेष गुजराती ने स्वीकार किया कि वर्ष २०१७ में उसने १७ वर्षीय नाबालिग का गर्भपात करवाया था, जो कि अवैध है। इस मामले में गिरफ्तार होने के बाद रशेष जेल से बाहर आने के बाद भी अवैध गतिविधियों में लिप्त रहा।

सूरत के पांडेसरा थाने ने रशेष गुजराती के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक मामले में अभियोक्ता विजय यादव ने बताया कि जब उसे डिग्री दी गई तो उसे आश्वासन दिया गया था कि वह इसका किसी भी तरह से उपयोग कर सकता है। बाद में उसे पता चला कि डिग्री फर्जी है। जब उसने अपने पैसे मांगे तो रशेष ने पैसे देने से मना कर दिया और डॉ. रशेष, डॉ. रावत और शोभित सिंह ने उसे जान से मारने की धमकी दी।

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ब्लैकमेल कर ऐंठता था पैसे

आरोप है कि रशेष गुजराती एक वेबसाइट के जरिए गुजरात में लोगों को फर्जी डिग्री देता था। इसके बदले में वह मोटी रकम वसूलता था। यह गिरोह न सिर्फ लोगों को फर्जी डिग्री दे रहा था, बल्कि रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल के नाम पर हर महीने पैसे भी ऐंठता था। जो डॉक्टर पैसे देने से मना करते थे, उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था। पुलिस के मुताबिक, अहमदाबाद में रहने वाले डॉ. बीके रावत के नाम से ऐसे लोगों को नोटिस भेजे जाते थे। आरोप है कि गिरफ्तार डॉक्टर इरफान और शोभित सिंह को वसूली के लिए रखा गया था। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।

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