लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में 790 नए खनन पट्टों के लिए क्षेत्रों की पहचान की है। इसमें हमीरपुर, महोबा, सहारनपुर, जालौन, मिर्ज़ापुर, झाँसी, बिजनौर, गोरखपुर, प्रयागराज और बांदा जैसे दस जिले प्रमुख हैं।
हाल ही में एक समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग को प्रदेश की जनता को उचित मूल्य पर मौरंग, बालू, भवन निर्माण पत्थर एवं अन्य उपखनिज उपलब्ध कराने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही उन्होंने लघु खनिजों के परिवहन के लिए अधिक से अधिक रेल मार्गों का उपयोग करने के भी निर्देश दिये थे।
पर्यावरण की दृष्टि से भी फायदेमंद
इसके बाद मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने राज्य के विभिन्न जिलों में 790 नये खनन पट्टों के लिए क्षेत्रों की पहचान कर ली है। विभाग के प्रधान सचिव अनिल कुमार ने शनिवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि इससे जहां सरकार का राजस्व बढ़ेगा, वहीं आम जनता को सस्ते दामों पर लघु खनिज उपलब्ध होने के साथ-साथ पर्यावरण की दृष्टि से भी यह काफी फायदेमंद साबित होगा।
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बरसात के समय बढ़ जाती हैं कीमतें
मुख्यमंत्री योगी ने समीक्षा बैठक में कहा था कि इस समय प्रदेश में उपखनिज की उपलब्धता मांग के अनुरूप कम है। ऐसे में मांग को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से लघु खनिजों का परिवहन किया जाता है। इससे गौण खनिजों की कीमतों में भारी उछाल आ रहा है। वहीं, बरसात के मौसम में इनकी कीमतें आसमान छूती हैं। इससे आम आदमी के साथ सरकार को भी काफी नुकसान होता है। योगी ने विभाग को इन सबसे निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये। इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री ने विभाग को राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक औद्योगिक खनिज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है ताकि राज्य को एक ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने की राह आसान हो सके। उल्लेखनीय है कि उप खनिजों में औद्योगिक खनिजों की अत्यधिक मांग है।
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