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उत्तराखंड ग्लेशियर घटनाः खाली कराये गये सभी घाट, 150 लोगों के लापता होने की पुष्टि

देहरादूनः उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत चमोली रवाना हो गए हैं। इस बीच सरकार और एसडीआरएफ ने आपदा में फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए हैं। एसडीआरएफ के आधिकारिक सूत्रों ने अब तक 150 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम रवाना कर दी गई है। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से जानकारी ली है।

चमोली जिले के रैनी गांव में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद अचानक धौली गंगा, अलकनंदा और भागीरथी का जल स्तर तेजी से बढ़ गया है। धौली गंगा के जलस्तर बढ़ने के जल विद्युत परियोजना का पावर प्रोजेक्ट भी बह गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत अधिकारियों से इस दुर्घटना की फोन पर जानकारी लेने के बाद हेलीकॉप्टर से चमोली के लिए रवाना हो गए हैं। साथ में आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन और डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग हैं। एसडीआरएफ की 5 टीमों को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है। शेष सभी टीमें को अलर्ट किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने लोगों से अपील की है कि अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं। उन्होंने विनती करते हुए कहा कि कृपया कोई भी पुराने वीडियो शेयर कर अफरातफरी ना फैलाएं। स्थिति से निपटने के सभी जरूरी कदम उठा लिए गए हैं। आप सभी धैर्य बनाए रखें।

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एसडीआरएफ की टीम क्षेत्रपाल के निकट दलदल में फंसे दो लोगों को रेस्क्यू कर रही है। एसडीआरएफ ने आधिकारिक सूत्रों ने 150 लोगों के लापता होने की पुष्टि की है। इस बीच गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम रवाना की गई है। इसमें 45 जवान हैं। जोशीमठ के करीब बांध के क्षतिग्रस्त होने के कारण अलकनन्दा में पानी के तीव्र बहाव है। रेस्कयू के लिए हेलीकॉप्टर की सहायता भी ली जा रही है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद के अनुसार आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर पहुंच गई है। देहरादून से एनडीआरएफ की तीन टीमें रवाना हो गई हैं। तीन अन्य टीमें भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर के साथ शाम तक पहुंच जाएंगी। एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय लोगों के साथ निरंतर सम्पर्क में हैं। वहीं दूसरी ओर देहरादून, पौड़ी और टिहरी जिला प्रशासन ने लक्ष्मण झूला से बैराज तक गंगा किनारे के दोनों छोर के घाटों को खाली करा लिया है। जिलाधिकारी देहरादून आशीष कुमार ने ऋषिकेश पहुंचकर आपदा टीम की कमान संभाल ली है। एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीम पूरी तरह अलर्ट हो गई है। इन टीमों ने ऋषिकेश में मायाकुंड, चंद्रभागा, त्रिवेणी घाट सहित बैराज के पक्के घाटों को पूरी तरह से मानवविहीन कर दिया है। ऋषिकेश में जल पुलिस व एसडीआरएफ की टीम की कमान ग्रामीण पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार सिंह के नेतृत्व में कोतवाली प्रभारी रितेश शाह ने संभाल ली है। कोतवाली प्रभारी रितेश शाह का कहना है कि गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस वजह से घाटों को पूरी तरह खाली करवा लिया गया है।

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