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लोकसभा चुनावः मुफ्त राशन योजना क्या फिर बदलेगी गेम?

ration scheme

 लखनऊः कोरोना काल में शुरू की गई मुफ्त राशन योजना लोकसभा चुनाव-2024 में गेम चेंजर साबित होगी। इस योजना के लाभार्थी केंद्र और राज्य सरकार की खुलकर तारीफ कर रहे हैं। गौरतलब है कि कोरोना के दौरान जब पूरे देश में लॉकडाउन था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब लोगों को राहत देते हुए मुफ्त राशन देने की पहल की थी। पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में इस योजना को उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर लागू किया गया और राज्य के 15 करोड़ लोगों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है।

2022 के विधानसभा चुनाव में यह योजना बड़ा फैक्टर साबित हुई और इसके लाभार्थियों ने सीएम योगी के समर्थन में बड़ी संख्या में वोट किया। अब यह योजना 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर अहम भूमिका निभाने जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जब राज्य के 3.60 करोड़ राशन कार्ड धारक और उनके परिवार ईवीएम पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्र पर पहुंचेंगे, तो उनके मन में डबल इंजन सरकार के प्रति सकारात्मक भावना होगी और उनकी नजर कमल चुनाव चिन्ह पर होगी। राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह के मुताबिक कठिन समय में पूरी पारदर्शिता के साथ लोगों को मुफ्त राशन योजना का लाभ दिलाने के लिए किए गए ईमानदार प्रयास 2024 में सीएम योगी के 80 में 80 के संकल्प को पूरा करने में मददगार होंगे।

योजना का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचे

इस बार पीएम मोदी ने एनडीए के लिए 400 सीटों का लक्ष्य रखा है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी ने भी प्रदेश की 80 की 80 सीटें जीतकर पीएम मोदी के लक्ष्य को पूरा करने का संकल्प लिया है। इस क्रम में लाभार्थी वर्ग पर फोकस किया जा रहा है। यह वही लाभार्थी वर्ग है जिसे पूरी पारदर्शिता के साथ राशन पहुंचाया गया है। जिनके राशन कार्ड बने, उन्हें तुरंत योजना का लाभ दिया गया, जबकि अन्य पात्र लोगों के नये कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनाये गये। 28 नवंबर 2023 तक उत्तर प्रदेश में कुल 3.60 करोड़ कार्डधारक थे, जिनके जरिए कुल 15.06 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन का लाभ मिल रहा था। इनमें 40.87 लाख अंत्योदय कार्डधारक (कुल 1.32 करोड़ यूनिट) और 3.19 करोड़ पात्र गृहस्थी कार्डधारक (कुल 13.73 करोड़ यूनिट) शामिल हैं। इतना ही नहीं, जनवरी 2023 से नवंबर 2023 के बीच 547652 नए कार्डधारक भी जुड़े हैं।

पारदर्शिता के साथ वितरण पर फोकस रहा

सरकार ने राशन वितरण में पारदर्शिता पर विशेष ध्यान दिया है, ताकि कोई पात्र व्यक्ति न छूटे। इसके लिए ई-पीओएस मशीनों से वितरण की व्यवस्था की गई है। आवंटन के अनुरूप 94.68 प्रतिशत तक वितरण ई-पीओएस मशीनों के माध्यम से सुनिश्चित किया जा रहा है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की सभी 79,138 उचित मूल्य की दुकानों में ई-पीओएस मशीनों की स्थापना सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा राशन कार्ड के मुखियाओं की आधार फीडिंग 99।93 प्रतिशत तथा आधार सीडिंग 99।94 प्रतिशत तक हो चुकी है। वहीं, राशन कार्डों में मौजूद यूनिटों की 99.26 फीसदी आधार फीडिंग और 99.55 फीसदी आधार सीडिंग हो चुकी है। अक्टूबर 2023 तक आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से वितरण सुनिश्चित किया गया है जो 99.82 प्रतिशत है।

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दूसरे राज्यों के लोगों को भी लाभ दिया गया

प्रदेश में वन नेशन वन कार्ड भी सुनिश्चित किया गया है। इसके तहत मई 2020 से अक्टूबर 2023 तक प्रदेश में अन्य राज्यों के 43,392 कार्डधारकों को निःशुल्क राशन प्राप्त हुआ है, जबकि उत्तर प्रदेश के 34,83,906 कार्डधारकों को अन्य राज्यों में राशन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया गया है। कोरोना महामारी के दौरान अप्रैल 2020 से अक्टूबर 2022 तक राज्य सरकार द्वारा कुल 34.58 लाख नये राशन कार्ड जारी किये गये हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई 2021 से अक्टूबर 2022 तक 126.88 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया है, जबकि एनएफएसए के तहत 14,94,593 विकलांग लोगों को राशन कार्ड जारी किए गए हैं और 9829 विकलांग राशन कार्डों पर राशन पहुंचाया गया है। धारक अपने घरों पर हैं।

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