नई दिल्ली: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने गुरुवार को ग्रेटर हिमालयन रेंज पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला दर्रा खोल दिया है। 11,650 फीट ऊंचाई पर स्थित जोजिला दर्रा मौसम की कठिन परिस्थितियों के बीच भीषण बर्फबारी के बाद 6 जनवरी को बंद कर दिया गया था। पिछले वर्ष इसे 73 दिनों बाद खोला गया था। इस बार बीआरओ ने पांच दिन पहले ही यातायात के लिए खोल दिया है, जिससे लद्दाख और गुरेज घाटी से संपर्क बहाल हो गया है।
जोजिला दर्रा केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर के बीच प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। इसे मौसम की कठिन परिस्थितियों के बीच अथक बर्फ निकासी अभियानों के माध्यम से इसको 6 जनवरी तक यातायात के लिए खुला रखा गया था। दर्रा बंद होने के बाद बीआरओ ने प्रयास किये कि जोजिला दर्रा कम से कम समय के लिए बंद हो। पिछले वर्ष यह 73 दिन में और बीते वर्षों के 160-180 दिनों की तुलना में इस वर्ष केवल 68 दिनों के लिए ही अवरुद्ध रहा है।
जोजिला दर्रा खोलने के लिए फरवरी के पहले सप्ताह से क्रमशः जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में प्रोजेक्ट बीकन व विजयक के अंतर्गत दर्रे के दोनों ओर से बर्फ हटाने का अभियान चलाया गया। निरंतर एवं अथक प्रयासों के बाद 11 मार्च को जोजिला दर्रे पर संपर्क सुविधा बहाल कर दी गई। इसके बाद वाहनों के आवागमन के लिए सुरक्षित मार्ग बनाने के उद्देश्य से सड़कों की स्थिति में सुधार के प्रयास किए गए। इसी तरह गुरेज सेक्टर और कश्मीर घाटी के बीच एकमात्र सड़क संपर्क सुविधा प्रदान करने वाला राजदान दर्रा भी केवल 58 दिनों तक अवरुद्ध रहने के बाद 16 मार्च को खोल दिया गया है।
सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने समय से पूर्व जोजिला दर्रा खोलने के लिए प्रोजेक्ट बीकन व प्रोजेक्ट विजयक के कर्मयोगियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जोजिला और राजदान दर्रे के जल्द खुलने से लद्दाख तथा गुरेज घाटी के लोगों के लिए आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति में आसानी होगी। लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने बताया कि परीक्षण के तौर पर कुछ वाहनों का आज सफलतापूर्वक आवागमन संचालित कराया गया। उन्होंने कहा कि सड़क को नागरिक यातायात के लिए खोलने का निर्णय संयुक्त निरीक्षण के बाद नागरिक प्रशासन लेगा।
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