लखनऊः आम तौर पर आप देखते होंगे कि बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कोई जॉब या बिजनेस के बारे में सोचते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे, जिसने महज़ 13 साल की आयु में एक स्टार्टअप की शुरूआत की और आज एक सफल बिजनेसमैन के रूप में खुद को स्थापित किया है। हम बात कर रहे हैं देश के सबसे युवा उद्यमी तिलक मेहता की। तिलक ने ये साबित कर दिया कि बिजनेस करने की कोई उम्र नहीं होती। आइए जानते हैं कि महज़ 13 साल की उम्र में तिलक ने कैसे देश की सबसे सस्ती कूरियर सेवा देने वाली ‘पेपर एन पार्सल’ कंपनी की शुरूआत की।
ऐसे आया बिजनेस का आईडिया
इस कहानी की शुरुआत हुई साल 2017 में, जब एक आम बच्चे की तरह तिलक मुंबई की गरोडिया इंटरनेशनल स्कूल में 8वीं क्लास में पढ़ाई कर रहे थे। एक दिन उन्हें अपनी किताब की जरूरत पड़ गई, जो उनके अंकल के घर पर पड़ी थी और वो मुंबई के ही दूसरे छोर पर रहते थे। घर से काफी दुरी होने की वजह से उन्होंने अपनी किताब लाने के लिए अपने पिता को कहा, लेकिन ऑफिस से आने के बाद उनके पिता काफी थके थे, जिस वजह से उन्होंने इस बात को टाल दिया। ऐसे में उन्होंने कूरियर कंपनी की सहायता लेने की सोची, लेकिन सभी कंपनियां उसी दिन डिलीवरी देने पर करीब 300 रूपये चार्ज ले रही थीं। अपनी इस समस्या का सामना करने पर तिलक ने सोचा मुंबई में ऐसे कई लोग होंगे, जो इस समस्या से हर रोज परेशान होते होंगे। बस यहीं से तिलक के मन में विचार आया की लोगों को कम से कम समय और कम खर्च में डिलीवरी की सेवा उपलब्ध करवाई जाए और तब उन्होंने अपने इसी विचार के साथ खुद का एक स्टार्टअप शुरू करने की सोची।
डब्बे वालों की मदद से की शुरूआत
इतनी छोटी सी उम्र में स्टार्टअप शुरू करना कोई आसान बात नहीं थी। ये तिलक के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। सबसे बड़ी चुनौती थी कि इस स्टार्टअप को शुरू कहां से किया जाए और वो कैसे लोगों तक अपने इस बिजनेस को पंहुचा पाएंगे। ऐसे में तिलक के दिमाग में मुंबई के डिब्बे वालों का ख्याल आया, क्योंकि इन्हें मुंबई की लाइफलाइन कहा जाता है। मुबंई के डिब्बे वाले अपने टाइम के काफी पक्के होते हैं और इन डब्बे वालों का नेटवर्क पुरे मुंबई शहर में फैला हुआ है। तब तिलक के दिमाग में आईडिया आया की इन लोगों को साथ में जोड़कर खाना डिलीवरी करने के साथ अन्य चीजों की भी डिलीवरी कर सकते हैं। मार्केट की पूरी जानकारी लेने के बाद तिलक ने ‘पेपर एन पार्सल’ नाम की एप्लीकेशन का निर्माण करवाया और अपने स्टार्टअप की शुरुआत की।
इस एप्लीकेशन को तैयार करने में तिलक को करीब 8 माह का समय लगा। मार्केट में जब इस एप को लॉन्च किया गया तब लोगों ने इसे काफी पसंद किया, क्योंकि जिस पार्सल के लिए लोगों को 200 से 300 रूपये खर्च करने पड़ते थे, वहीं ‘पेपर एन पार्सल’ की सहायता से महज़ 30 से 40 रूपये में आसानी से डिलीवर हो जाता था। तिलक की इस एप्लीकेशन की खास बात है कि आप इसकी सहायता से मुंबई शहर में 3 किलो वजनी चीज उसी दिन आसानी से भेज सकते हैं। तिलक के द्वारा जुलाई 2018 से शुरू किये इस स्टार्टअप ने मुंबई में काफी सफलता हासिल की और हर रोज हजारों की संख्या में इस एप्लीकेशन के माध्यम से वस्तुएं भेजी जाती हैं।
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इतना ही नहीं तिलक की इस स्टार्टअप में 200 कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके अलावा परोक्ष रूप से करीब 300 डिब्बा वाले पार्टनर के तौर पर जुड़े हैं। तिलक रोजाना 1,200 डिलीवरी भेजते हैं। इतना ही नहीं तिलक की इस कंपनी में बतौर सीईओ घनश्याम पारेख ने ज्वाइन किया है, जो पहले एक बैंकर थे। महज 13 साल की उम्र में अपने विचारो को मंजिल देने वाले तिलक मेहता का मानना है कि वो जल्द ही अपनी इस कंपनी की शुरुआत पुरे भारत में करने वाले हैं।