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योगी ने किया पुनर्निर्माण महाअभियान का शुभारम्भ, कहा-इससे कृषि सिंचन क्षमता में होगी वृद्धि

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुल व पुलिया ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इनसे किसानों सहित जनसामान्य को आवागमन में बड़ी सुविधा होती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सरयू नहर परियोजना, मध्य गंगा नहर परियोजना सहित विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूर्ण कराया जा रहा है। सिंचाई परियोजनाओं को मानक के अनुरूप गुणवत्ता तथा निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किये जाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के निर्माण से प्रदेश में कृषि सिंचन क्षमता में बड़ी वृद्धि होगी। साथ ही बड़ी संख्या में कृषक लाभान्वित होंगे। उन्होंने किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से किसानों को सिंचाई की नई पद्धतियों को अपनाने के लिये जागरूक और प्रेरित किया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर जल शक्ति विभाग के अन्तर्गत सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की नहरों पर निर्मित 25,050 पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार एवं पुनर्निर्माण महाअभियान का शुभारम्भ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनमानस के जीवन को सरल और सहज बनाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा मिशन मोड में कार्य करते हुए 100 दिन के अन्दर सभी 25,050 पुल-पुलियों के जीर्णोद्धार एवं पुनर्निर्माण कार्य को मानक गुणवत्ता के अनुरूप पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले चरण में सिंचाई विभाग द्वारा आवश्यकता व उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए नहर की पटरियों को चिह्नित कर आवागमन के लिए तैयार किया जाए। नहर की पटरियों के आवागमन से जुड़ जाने पर वह सुरक्षित हो जाती हैं। साथ ही उनका रख-रखाव भी सहजता से सम्भव हो पाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नहरों पर लगभग 70,000 पुल-पुलिया निर्मित हैं। इनमें से 21,542 पुल-पुलियों की जीर्णोद्धार तथा 3,508 पुल-पुलियों का पुनर्निर्माण किया जायेगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-2021 में विभाग ने सम्बन्धित क्षतिग्रस्त पुलों एवं पुलियों के लिए धनराशि की व्यवस्था है। आगामी वर्ष 2021-2022 में भी धनराशि प्रस्तावित की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का कृषि योग्य क्षेत्रफल 188 लाख हेक्टेयर है। 120 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचन क्षमता का सृजन किया गया है। राज्य में नहरों की लम्बाई 74,659 किमी, नलकूपों की संख्या 34,401 तथा पम्प नहरों की संख्या 278 है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्य नहर प्रणालियां 100 वर्षों से भी अधिक पुरानी हैं। पूर्वी यमुना नहर प्रणाली लगभग 190 वर्ष, ऊपरी गंगा नहर प्रणाली 166 वर्ष, निचली गंगा नहर प्रणाली 142 वर्ष, बेतवा व केन नहर प्रणाली 135 वर्ष, धसान नहर प्रणाली 113 वर्ष एवं शारदा नहर प्रणाली 92 वर्ष पुरानी है। इन पर पुरानी तकनीकों व आवश्यकताओं के अनुसार पुल व पुलिया बनाये गये थे। विगत वर्षों में वाहनों की बढ़ती संख्या एवं भार के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा आमजन व किसानों के हित में नहरों पर निर्मित पुल व पुलिया के जीर्णोद्धार व पुनर्निर्माण कराया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रयागराज, प्रतापगढ़, अयोध्या, आगरा, जालौन, रामपुर, मथुरा, बलिया आदि जनपदों के जनप्रतिनिधियों से संवाद किया। कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश तेजी से बदल रहा और आगे बढ़ रहा है। उनके मार्गदर्शन में बिना भेदभाव के विकास कार्य कराये जा रहे हैं। राज्य के 70 जनपदों में नहरों पर निर्मित पुल व पुलियाओं का जीर्णोद्धार, पुनर्निर्माण तथा नवनिर्माण कराया जा रहा है। इन निर्माण कार्यों से कृषकों सहित सभी प्रदेशवासियों को लाभ होगा।

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