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योगी 2.0 का एक साल पूरा, सीएम बोले-छह वर्ष में यूपी हुआ खुशहाल

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cm-yogi-adityanath लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे कार्यकाल के पहले सफलतम वर्ष के पूरे होने पर सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। ‘छह साल, यूपी खुशहाल’ की थीम पर पहले सफलतम वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यूपी माफियाओं के कारण नहीं बल्कि महोत्सव के कारण जाना जाता है। हमने छह साल में राज्य को लेकर लोगों की धारणा बदलने का काम किया है। अब यूपी की पहचान उपद्रवियों से नहीं उत्सवों से है। उन्होंने कहा कि हमने नया यूपी बनाया है। छह वर्ष पहले लोग कहते थे कि यूपी में कभी विकास नहीं हो सकता है पर आज पूरा प्रदेश विकास की दौड़ में पहले स्थान पर जगह बना रहा है। लोकभवन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि छह वर्षों में प्रदेश में रोजगार के लिए माहौल बनाया गया है। सरकारी नौकरियों में जातिवाद, भ्रष्टाचार और परिवारवाद को खत्म किया गया है। सरकारी योजनाओं का लाभ देने में न तो जातिवाद होता है और न ही भ्रष्टाचार। हर किसी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के छह वर्ष प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पांच साल का एक टर्म पूरा करने के बाद 2022 में यूपी की महान जनता ने पूर्ण बहुमत का जनादेश देकर फिर से सरकार बनाने का सुअवसर दिया है। आज उनकी सरकार एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर रही है। लगातार छह वर्ष की उनकी सरकार में यूपी अब खुशहाल प्रदेश हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि छह साल में यूपी को लेकर देश में धारणा बदली है। अब यूपी का नाम सुनकर लोगों के चेहरे पर चमक आ जाती है। पहले संदेह की नजरों से देखा जाता था। अब प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपी में जीरा टाॅलरेंस नीति के तहत कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाया गया है। साइबर थाने, फॉरेंसिक लैब मंडल स्तर पर, आपदा नियंत्रण के लिए तीन बटालियन, पुलिस बल में महिला कार्मिकों की संख्या चार गुना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इन छह सालों में देश-दुनिया का दृष्टिकोण यूपी के बारे में बदलने में सफलता मिली है। इसी का नतीजा है कि यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 35लाख करोड़ के एमओयू साइन हुआ।

छह में से 3 साल कोरोना से लड़ते हुए काम किया

सीएम ने कहा कि 6 में से 3 साल कोरोना से लड़ते-जूझ़ते हुए काम हुए। यूपी ने इस दौरान अनेक उपलब्धियां हासिल कीं। जिस यूपी के बारे मे कहा जाता था कि वह विकास नहीं कर सकता, पीएम की सभी फ्लैगशिप योजनाओं में आज वह नंबर एक की दौड़ में है। यूपी के इन्फ्रास्ट्रक्चर की चर्चा पूरे देश में हो रही है। कोरोना के संकट काल में लोगों को हर महीने दो-दो बार मुफ्त राशन दिया गया। ओडीओपी ने हर श्रमिक को रोजगार प्रदान किया है। विपत्ति के समय में चुनौती के साथ कैसे काम होता है, यूपी ने इसका मानक प्रस्तुत किया है।

डीबीटी के माध्यम से साढ़े 3 लाख करोड़ रुपये खाते में गए

उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं के जीवन में खुशहाली लाने के लिए डीबीटी के माध्यम से साढ़े 3 लाख करोड़ की राशि उनके खाते में गई है। कर्जमाफी की बात को इसके साथ जोड़ दिया जाए तो ये संख्या 4 लाख करोड़ से ऊपर पहुंचती है। ये सरकार की प्राथमिकता को दर्शाती है, जहां जाति मत मजहब नहीं बल्कि गांव गरीब युवा किसान व महिलाएं हैं। ये भी पढ़ें..Pakistan में आर्थिक संकट चरम पर, रक्षा मंत्री बोले-चुनाव कराने तक...

अपना कार्यकाल पूरा कर रहे अफसर

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के बारे में धारणा थी कि यहां परिवारवाद है। दंगे होते हैं पर 6 साल में एक भी दंगा नहीं हुआ। कानून व्यवस्था को लेकर लोग क्या-क्या कहते थे, जिसे असंभव कहा जाता था, यूपी ने उसे संभव बना दिया है। 1.64 लाख पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से पूरा किया गया। यूपी का हर युवा हमारे परिवार का हिस्सा है। पुलिस रिफॉर्म के लिए प्रयास किये गये। यूपी में सात पुलिस कमिश्नरेट बने हैं। यूपी में हर तहसील स्तर पर फायर टेंडर की स्थापना की गयी। पुलिस की अवस्थापना सुविधा को आगे बढ़ा सकें। हर थाने और पुलिस लाइन में अच्छे बैरक बनते दिन चुके हैं या बनते दिखेंगे। साइबर थाना हर रेंज और जिला स्तर पर बनाने के लिए कार्य हो रहा है। हर रेंज स्तर पर फारेंसिक लैब की स्थापना का कार्य हो रहा है। पुलिस ट्रेनिंग की क्षमता को तीन गुना बढ़ाया गया। लखनऊ में साइबर और फॉरेंसिक लैब की स्थापना की जा रही है। एसडीआरएफ की स्थापना के लिए तीन बटालियन का गठन हुआ। मृतप्राय पीएसी की 54 बटालियन का पुनर्गठन हुआ। महिला कार्मिक की संख्या 10 हजार से 40 हजार तक बढ़ाया गया। यह अपने आपमें महिला सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। यहां सिर्फ सरकार में ही नहीं, प्रशासन में भी स्थायित्व है। उन्होंने कहा कि जिलों में अब जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। पहले ताश के पत्तों की तरफ अफसर फेंटे जाते थे। शासन में स्थायित्व है तो प्रशासन में भी स्थायित्व है। इसका लाभ 25 करोड़ जनता को मिल रहा है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)