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क्लर्क से सीएम तक दिलचस्प है येदियुरप्पा का सफर

Karnataka CM BS Yeddyurappa took part in the launch of improving economic dynamism and accelerating MSME growth report by game national task force virtual ceremony

नई दिल्लीः लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दोपहर में राजभवन जाकर अपना इस्तीफा राज्यपाल थावरचन्द गहलोत को सौंप दिया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। भारतीय जनता पार्टी ने अभी उनके उत्तराधिकारी के नाम की घोषणा नहीं की है।

बीएस येदियुरप्पा का चावल मिल के क्लर्क से मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का राजनीतिक सफर बहुत ही दिलचस्प रहा है। येदियुरप्पा ने अपना राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से शुरू किया था। वह महज 15 साल की उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गए थे।

एक लंबा राजनीतिक सफर तय कर येदियुरप्पा एक मजबूत और प्रभावी नेता के रूप में उभरे, इतना ही नहीं कर्नाटक और देश के किसी भी दक्षिणी राज्य में बीजेपी को पहली बार सत्ता में लाने का श्रेय भी येदियुप्पा को ही जाता है। बीएस येदियुरप्पा का पूरा नाम बुकंकरे सिद्दालिंगप्पा येदियुरप्पा है। उनका जन्म 27 फरवरी 1943 को कर्नाटक के मांड्या जिले में हुआ था। येदियुरप्पा महज चार साल के थे जब उनकी मां का निधन हो गया था। जिसके बाद पिता ने उनका पालन-पोषण किया।

बीजेपी से नाराज होकर बनाई अलग पार्टी

भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में एक बीएस येदियुरप्पा ने बीजेपी पार्टी से अनबन के चलते एक अलग पार्टी बनाई थी। येदियुरप्पा साल 2011 में मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद बीजेपी से नाराज होकर अपनी पार्टी ‘कर्नाटक जनता पक्ष’ बनाई। 9 दिसंबर 2012 में उन्होंने ‘कर्नाटक जनता पक्ष’ नाम की पार्टी की स्थापना की और 2013 में हुए शिकारीपुरा सीट से चुनाव लड़कर वह विधानसभा भी पहुंचे थे, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान वह फिर से बीजेपी में शामिल हो गए। कर्नाटक विधानसभा में भाजपा की जीत पर फिर से सूबे की कमान उनके हाथ सौंपी गई थी।

उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में भाजपा सरकार के नेतृत्व परिवर्तन की बात काफी समय से चल रही थी। राज्य में कुछ बगावती स्वर भी फूटे थे। इसके बाद भाजपा हाईकमान ने उम्र सीमा को आधार बनाते हुए येदियुरप्पा को इस्तीफा देने के लिए कहा था। अब सबसे बड़ा सवाल है कि भाजपा राज्य में उनका किसे उत्तराधिकारी बनाती है।

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इसी बीच रविवार को लिंगायत समुदाय के मठाधीशों ने येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने का विरोध किया था। ऐसे में लिंगायत समुदाय भाजपा का विरोध कर सकता है। राजनीतिज्ञों का मानना है कि येदियुरप्पा अपने बेटे विजयेन्द्र को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।